लाहौर: पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने दावा किया है कि प्रतिबंधित इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने जिन 11 पुलिसकर्मियों को अपनी हिरासत में लिया था उन्हें छोड़ दिया गया है। शेख रशीद ने बताया कि तहरीक-ए-लबैक के साथ पहले दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है और पहला दौर काफी अच्छा रहा है। शेख रशीद ने यह भी बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक के साथ अब दूसरे दौर की बातचीत होने जा रही है और पुलिस भी पीछे हट चुकी है।
इससे पहले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा रविवार को प्रतिबंधित इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (TLP)पर की गई कार्रवाई में संगठन के तीन कार्यकर्ता मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए। फ्रांस में पिछले वर्ष ईश निंदा वाले एक कैरीकेचर के प्रकाशन को लेकर वहां के राजदूत को निष्कासित करने की मांग को लेकर इस संगठन ने हिंसक प्रदर्शन किए। रेंजर्स और पुलिस ने रविवार की सुबह लाहौर में टीएलपी के मुख्यालय पर कार्रवाई शुरू की ताकि वहां इकट्ठे हजारों कार्यकर्ताओं को हटाया जा सके। इन लोगों ने मुख्य मुल्तान रोड को जाम कर दिया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान TLP के तीन कार्यकर्ता मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए। जख्मी होने वालों में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘TLP के समर्थकों की संख्या हजारों में थी इसलिए रेंजर्स और पुलिस उन्हें तीन घंटे के अभियान में नहीं हटा पाई।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने और अधिक जान जाने की आशंका के कारण अभियान समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उमर फारूक बलोच को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की। TLP की तरफ से जारी वीडियो संदेश में बलोच ने इमरान खान सरकार से अपील की कि साथी मुस्लिमों की हत्या नहीं करें और फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए उनकी सरकार द्वारा TLP के साथ किए गए समझौते का पालन करें।"