Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. कोविड महामारी फैलने से पहले वुहान के बाजारों में बेचे गए थे हजारों जंगली जानवर

कोविड महामारी फैलने से पहले वुहान के बाजारों में बेचे गए थे हजारों जंगली जानवर

दुनिया में कोविड महामारी के आने के 2 साल पहले से ही चीन के वुहान प्रांत के बाजारों में हजारों जंगली जानवर बेचे गए थे। इन जानवरों में ऐसे रोगाणु (पैथजन) होने की संभावना होती है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 10, 2021 18:35 IST
Wuhan Coronavirus, Wuhan Market Animals, Wuhan Covid-19, Wuhan Coronavirus Study- India TV Hindi
Image Source : AP दुनिया में कोविड महामारी के आने के 2 साल पहले से ही चीन के वुहान प्रांत के बाजारों में हजारों जंगली जानवर बेचे गए थे।

बीजिंग: दुनिया में कोविड महामारी के आने के 2 साल पहले से ही चीन के वुहान प्रांत के बाजारों में हजारों जंगली जानवर बेचे गए थे। इन जानवरों में ऐसे रोगाणु (पैथजन) होने की संभावना होती है। इनसे मनुष्य भी संक्रमित हो सकते हैं। ये दावा एक नई स्टडी में किया गया है। इस स्टडीका नेतृत्व चीन में चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकतार्ओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने किया है। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 38 प्रजातियों में 47,381 जानवरों का दस्तावेजीकरण किया, जिनमें 31 संरक्षित प्रजातियां शामिल हैं, जो वुहान के बाजारों में मई 2017 और नवंबर 2019 के बीच बेची गईं।

इन जानवरों की हुई थी बिक्री

स्टडी में जो निष्कर्ष सामने आए उनसे पता चला है कि इनमें से 33 कथित तौर पर 2009 से चीन में जंगली आबादी, बाजारों या खेतों में जूनोटिक रोगजनकों से संक्रमित हैं। इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने वुहान में मिंक, पाम सिवेट और रैकून कुत्तों की बिक्री पाई, लेकिन उन्हें पैंगोलिन या चमगादड़ की बिक्री के प्रमाण नहीं मिले। मास्कड पाम सिवेट (पगुमा लावार्टा) 2003 के सार्स प्रकोप में शामिल होस्ट था। चमगादड़ को संक्रामक कोरोना वायरस बीमारी के संभावित स्रोत के रूप में माना गया है, जिसने अब तक 37.6 लाख लोगों की जान ले ली है।

26 जनवरी 2020 को चीन ने लगाया बैन
शोधकतार्ओं ने लिखा है, 'जिन प्रजातियों का व्यापार किया गया था, वे कोविड-19 से अलग संक्रामक जूनोटिक रोगों या रोग-रोधी परजीवियों की एक विस्तृत श्रृंखला को होस्ट करने में सक्षम हैं। ये संभावित घातक वायरस, उदाहरण के लिए रेबीज, एसएफटीएस, एच5एन1 से लेकर सामान्य जीवाणु संक्रमण तक हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए एक जोखिम का प्रतिनिधित्व करते हैं (जैसे, स्ट्रेप्टोकोकस)।' चीनी सरकार ने 26 जनवरी, 2020 को कोविड-19 महामारी के समाप्त होने तक सभी वन्यजीव व्यापार पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। इसने पिछले साल फरवरी से भोजन के लिए स्थलीय जंगली (गैर-पशुधन) जानवरों के खाने और व्यापार पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाया है।

WHO ने जांची थी चीन की भूमिका
इस साल की शुरुआत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड महामारी की उत्पत्ति में चीन की भूमिका की जांच की। विशेषज्ञों ने पूर्वव्यापी रूप से यह पता लगाने की कोशिश की कि इस क्षेत्र में स्थानीय बाजारों में कौन से वन्यजीव बेचे जा रहे थे। उनके निष्कर्ष अनिर्णायक रहे और उस समय 4 महीने के लिए बाजार पूरी तरह से बंद हो गए थे। दुनिया भर के विभिन्न वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने इस सिद्धांत की ओर इशारा करते हुए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों का ढेर लगाया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से निकला हो सकता है।

चीन ने कहा, लैब से नहीं निकला कोरोना
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले महीने, खुफिया समुदाय को प्रयोगशाला दुर्घटना सिद्धांत सहित वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई, इसकी जांच करने के लिए दोबारा प्रयास करने का आदेश दिया है। उन्होंने एजेंसियों से कहा है कि वे 90 दिनों के भीतर उन्हें रिपोर्ट दें कि वायरस आखिर कैसे उभरा। दूसरी ओर, चीन ने वुहान लैब से कोरोना के निकलने के सिद्धांत को बेहद असंभव के तौर पर खारिज कर दिया है और अमेरिका पर राजनीतिक हेरफेर का आरोप लगाया है। (IANS)

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement