उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच एकमात्र ऐसी जगह है जहां उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और अमेरिका सेना के जवान एक दूसरे से रोज मिलते हैं। इस इलाके में आने वाले लोगों को एक पेपर पर दस्तखत करने होते हैं। इस पेपर में चेतावनी दी हुई है कि यह इलाका खतरनाक है। इस पेपर में लिखा हुआ है कि यहां आने वाला शख्स घायल हो सकता है या फिर उसकी जान भी जा सकती है। इस जगह पर दोनों ही देशों का बराबर का हिस्सा है। (इस देश में अपराध नहीं था रेप, पहली बार मिली अपराधिक मान्यता )
कुछ लोगों के अनुसार यह दुनिया की सबसे अशांत जगह है। पनमुनजोम नाम से जानी जाने वाली इस जगह पर उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और अमरीकी सैनिक हर दिन हर रात मौजूद रहते हैं। आपको बता दें कि मंगलवार को दोनों देशों के बीच होने वाली वार्ता पनमुनजोम से ही संबंधित है। हाल ही में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने वार्ता के लिए पहल की थी जिसके बाद से ही कोशिशें शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही फरवरी में होने वाले विंटर ओलंपिक के लिए उत्तर कोरिया ने अपनी टीम भेजने की भी बात कही है।
आपको बता दें कि पनमुनजोम में हथियार रखने की इजाज़त नहीं है लेकिन फिर भी यह क्षेत्र सुरक्षित नहीं है। यह क्षेत्र दोनों देशों की सीमा से लगा हुआ है। इस क्षेत्र की चौड़ाई और लंबाई 4 किलोमीटर और 238 है। यहां आबादी ना के बराबर है लेकिन फिर भी इसे 'युद्ध विराम वाला गांव' कहा जाता है।
पनमुनजोम का इतिहास
पनमुनजोम अपने आप में ही एक दिलचस्प जगह है। 1948 में जब पहली बार उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया वजूद में आए थे तो दोनों देशों को अलग करने के लिए खींची गई भौगोलिक रेखा को उनकी सीमा मान लिया गया था। उसके बाद 1953 में हुए युद्धविराम के बाद पहली बैर पनमुनजोम अस्तित्व में आया था। इसे ऐसी जगह माना गया जहां किसी भी देश की सेना नहीं रह सकती। तभी से पनमुनजोम एक अशांत क्षेत्र बन गया।
शांति समझौते की शर्तों के तहत अमरीका की दो सैनिक टुकड़ियां दक्षिणी सिरे पर चौकसी करती हैं। उनके पीछे दक्षिण कोरियाई सैनिकों का सपोर्ट रहता है। पनमुनजोम में दोनों देशों की सैना स्थाई रूप से खड़ी रहती है। जिसे ज्वॉयंट सिक्योरिटी एरिया के नाम से जाना जाता है। कई सालों तक यह दोनों देशों के बीच का एक गांव था लेकिन धीरे धीरे उत्तर कोरिया से दक्षिण कोरिया की ओर पलायन करने वाले लोगों के लिए यह एक तरह का दरवाजा बन गया।