इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अब उनका देश भारत के साथ बातचीत करने का इच्छुक नहीं है क्योंकि वह शांति वार्ता की पेशकश कई बार ठुकरा चुका है। वहीं, भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस दावे को खारिज कर दिया है। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द किए जाने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा हुआ है। भारत जहां इसे अपना अंदरूनी मामला बता रहा है वहीं पाकिस्तान अपनी बौखलाहट में लगातार इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर ले जाने की कोशिश कर रहा है।
‘भारत से बात करने का मतलब नहीं है’
खान ने बुधवार को प्रकाशित एक इंटरव्यू में न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, ‘उनसे (भारतीय अधिकारियों) से बात करने का कोई मतलब नहीं है। मेरा मतलब है, मैंने हर मुमकिन कोशिश की। लेकिन, दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज जब पलटकर देखता हूं तो लगता है कि शांति और बातचीत के मेरे सभी प्रयासों को उन्होंने तुष्टिकरण के तौर पर लिया। हम इससे ज्यादा कुछ कर नहीं सकते।’ खान ने इस इंटरव्यू में यहां तक कहा कि उन्हें दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ने का डर है। खान ने कहा, ‘जब दो परमाणु संपन्न देश आंखों में आंखें डालकर खड़े हों, तो इन हालात में कुछ भी हो सकता है। यह दुनिया के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।’
भारत ने इमरान की बात को किया खारिज
वहीं, अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने खान के आरोपों को खारिज कर दिया। श्रृंगला न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय बोर्ड से मिलने गए थे। उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुभव है कि हमने जब भी शांति की पहल की, यह हमारे लिए बुरी साबित हुई। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय, अपरिवर्तनीय और सत्यापित कार्रवाई करेगा।’ भारत ने जनवरी 2016 में पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के हमले के बाद से वार्ता रोक रखी है। भारत का कहना है कि वार्ता और आतंकवाद दोनों एक साथ नहीं चल सकते।
इसलिए बौखलाया हुआ है पाकिस्तान
आपको बता दें कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर चीन को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र या किसी भी अन्य देश का समर्थन हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाया है, जिससे वह बौखलाया हुआ है। इस्लामाबाद ने हाल ही में कहा है कि वह इस मुद्दे को अब अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में लेकर जाएगा। वहीं, पाकिस्तान के कई नेता लगातार भारत के साथ युद्ध की बात कह रहे हैं। पाकिस्तानी सेना भी भारत के खिलाफ जमकर प्रोपेगैंडा चला रही है लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पाई है।