इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एक मंत्री ने संसद से कहा है कि नेपाल में पाकिस्तानी सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के अपहरण के मामले को सिर्फ धारणाओं के आधार पर आईसीजे या संयुक्त राष्ट्र में नहीं ले जाया जा सकता क्योंकि ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे भारत की संलिप्तता का पता चलता हो। समाचार पत्र डॉन के अनुसार प्रांतीय एवं सीमा क्षेत्र मामलों के मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) अब्दुल कादिर बलोच ने कहा कि यह अभी साबित नहीं हुआ है कि मुहम्मद हबीब जहीर को भारतीय बलों ने उठाया है। (प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया ने दागी कई मिसाइलें)
सीनेट में कल कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को खत्म करते हुए मंत्री ने कहा, विदेश विभाग या सरकार के पास ऐसी कोई अंतिम रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है जिससे पता चलता हो कि भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) अथवा भारत सरकार इस मामले में शामिल है।
सीनेट के चेयरमैन मियां रजा रब्बानी ने सवाल किया कि क्या उनके बयान का यह मतलब है कि विदेश विभाग हबीब के अपहरण से भारत को दोषमुक्त कर रहा है जैसा कि मंत्री ने स्वीकार किया कि ठोस साक्ष्यों का अभाव है। इस पर बलोच ने कहा, हमें 100 फीसदी भरोसा है कि अपहरण के पीछे रॉ का हाथ है, लेकिन इस संदर्भ में साक्ष्य अंतिम रूप से उपलब्ध नहीं है।