बैंकॉक: थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद देश छोड़कर फरार हो गई हैं। यिंगलक शुक्रवार को सुनवाई के लिए अदालत में पेश नहीं हो पाई थी, जिसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यिंगलक ने अचानक ही देश छोड़ने का फैसला किया था। गौरतलब है कि 2014 में सैन्य तख्तापलट के जरिए यिंगलक की सरकार को हटा दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने चावल सब्सिडी घोटाले में सुनवाई के लिए अदालत नहीं पहुंचने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया। यदि उन्हें चावल सब्सिडी नीति में लापरवाही के मामले में दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें 10 साल के कारावास और राजनीति से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए उनके हजारों समर्थक शुक्रवार को इंतजार कर रहे थे, लेकिन वह दिखाई नहीं दीं। न्यायाधीशों ने यिंगलक के वकील के उन बयानों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वह सिर चकराने की बीमारी से पीड़ित हैं लेकिन वकील उनके मेडिकल दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश नहीं करा पाए थे।
अदालत ने यिंगलक के तीन करोड़ बाहट की जमानत राशि को भी जब्त करने के आदेश दिए। यिंगलक ने गुरुवार को फेसबुक के जरिए अपने समर्थकों से कहा था कि वह शुक्रवार को अदालत नहीं जाएंगी और अपने घर में ही रहेंगी। रिपोर्टों के मुताबिक, उन्हें आखिरी बार बुधवार को बैंकॉक में देखा गया था। यिंगलक के भाई थाक्सिन शिनावात्रा भी थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। भ्रष्टाचार का दोषी ठहराए जाने और 2 साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद वह वर्ष 2008 में देश छोड़कर चले गए थे। उसके बाद से वह वापस नहीं लौटे। उनका थाईलैंड का पासपोर्ट भी निरस्त किया जा चुका है।