साई: उत्तरी थाईलैंड में 23 जून को बाढ़ का पानी प्रवेश करने से गुफा के भीतर 12 लड़के और उनके फुटबॉल कोच को आज गुफा से सुरक्षित निकाल लिया गया। गुफा में 17 दिनों तक फंसे रहने के बाद उन्हें निकालने के लिए चलाए गए विशेष अभियान में यह बड़ी सफलता मिली। पूरी दुनिया गुफा में फंसे इन बच्चों के सुरक्षित निकलने की दुआ कर रही थी। दुनिया के दिग्गज गोताखोर, सील कमांडो बच्चों की तलाश में लगे थे। लेकिन करोड़ों की दुआओं का ही असर था कि इन बच्चों और उनके कोच को सुरक्षित निकाल लिया गया। उन्हें बचाने के लिए दो सप्ताह तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को दुनिया के दिग्गज गोतोखोरों और थाइलैंड सील कमांडो ने मिलकर कामयाब बनाया। आइये जानते हैं इस घटना की शुरुआत से लेकर अंत तक की पूरी कहानी
23 जून: रात होने पर जब बच्चे घर नहीं लौटे तो उनके अभिभावकों ने लापता होने की शिकायत दर्ज करायी। गुफा के प्रवेश द्वार पर लड़कों की साइकिलें मिली और रात में तलाशी अभियान शुरू किया गया।
24 जून : सुबह से स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचावकर्मियों की टीम ने गुफा में गायब हुए बच्चों की तलाश शुरू की ।
25 जून : बाद में तलाश अभियान को आगे बढ़ाते हुए लड़कों के आगे बढ़ने वाले रास्ते को खंगाला गया।
26 जून : थाई नौसेना की सील के सदस्य और अन्य अभियान से जुड़े। गृह मंत्री अनुपोंग पाओजिंदा ने कहा कि गुफा के रास्ते में पानी भर गया है।
27 जून : भारी बारिश से अभियान प्रभावित हुआ। अमेरिकी सेना, ब्रिटेन के गुफा विशेषज्ञ और गुफा की जानकारी रखने वाले कई अन्य शख्स इस अभियान से जुड़े।
28 जून : पहाड़ के बाहर से छेद कर गुफा से पानी निकालने की कोशिश शुरू हुई। गुफा के अन्य प्रवेश द्वार की तलाश शुरू हुई।
29 जून : प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा गुफा के पास पहुंचे और परिजनों से उम्मीदें नहीं छोड़ने का अनुरोध किया।
30 जून : लापता लड़कों की जगह का पता लगाने की कोशिश फिर शुरू हुई। ऑस्ट्रेलिया और चीन सहित दुनिया के और विशेषज्ञ बचाव दल में शामिल हुए।
1 जुलाई : बचाव के कार्य में लगे गोताखोर गुफा के भीतर आगे बढ़ने में सफल रहे।
2 जुलाई : गुफा की जानकारी रखने वाले दो ब्रिटिश विशेषज्ञों ने लापता लड़कों और उनके कोच की जगह का पता लगा लिया। बच्चों के साथ बातचीत का वीडियो रिकार्ड किया गया। 3 जुलाई : वीडियो जारी किया गया। बच्चे आपस में बातचीत करते दिखे।
4 जुलाई : नौसेना सील के सात सदस्य और एक डॉक्टर ने बच्चों तक खाना और दवा पहुंचाने का अभियान चलाया। बच्चों को निकालने के विभिन्न विकल्प पर चर्चा हुई।
5 जुलाई : लड़कों को गोताखोरी के तरीकों के बारे में बताया गया। पानी निकालने का प्रयास तेज हुआ।
6 जुलाई : आगे खतरा बढ़ने की आशंका के चलते अधिकारियों ने लड़कों को जल्द से जल्द निकालने का संकेत दिया। गुफा के भीतर आक्सीजन स्तर घटने को लेकर चिंता बढ़ी। अभियान के दौरान आक्सीजन की कमी से सील के पूर्व सदस्य की मौत।
7 जुलाई : बारिश की आशंका के कारण अधिकारियों ने अगले कुछ दिनों में बच्चों को निकालने का सुझाव दिया।
8 जुलाई : अधिकारियों ने कहा कि बचाव अभियान शुरू करने का वक्त आ चुका है। गोताखोरों ने संकरे रास्ते से चार लड़कों को बाहर निकाला।
9 जुलाई : बचाव अभियान के दूसरे दिन चार और लड़कों को बाहर निकाला गया।
10 जुलाई : बचाव अभियान के तीसरे दिन गोताखोरों ने बाकी चार लड़कों और उनके कोच को बाहर निकाला। इस तरह दो हफ्ते से ज्यादा समय तक चले इस अभियान का अंत हुआ।