दुबई। ओमान की खाड़ी में गुरुवार को संदिग्ध हमलों के बाद दो टैंकरों में आग लग गई, जिससे व्यापक संघर्ष का खतरा है और इससे तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। ईरान और अमेरिका में तनाव के बीच यह संदिग्ध घटना हुई, जिसने पिछले महीने इस रणनीतिक समुद्री इलाके में ऐसे ही हमलों को लेकर इस्लामिक गणराज्य की तरफ उंगली उठाई थी।
अमेरिका के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संदिग्ध हमलों पर चर्चा के लिये बंद कमरे में आज एक बैठक होनी है। नार्वेई नौवहन प्राधिकरण ने कहा कि नार्वेई स्वामित्व वाले टैंकर फ्रंट आल्टेयर पर तीन धमाकों की खबर है। जापानी स्वामित्व वाले कोकूका करेजियस पर भी हमला हुआ है।
ईरान ने कहा कि उसकी नौसेना ने आग पकड़ चुके अत्यंत ज्वलनशील सामग्री ले जा रहे दो टैंकरों से चालक दल के 44 सदस्यों को बचाया है। टीवी पर प्रसारित खबरों में एक टैंकर से गहरा काला धुआं निकलते दिखाया गया है। ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने गुरुवार को कहा कि जापान के प्रधानमंत्री के यहां वार्ता करने के तुरंत बाद ईरानी तट पर दो टैंकरों पर हमलों के व्यापक निहितार्थ होने का उन्हें संदेह है।
बहरीन में तैनात अमेरिका के पांचवें बेड़े ने कहा कि उनके युद्धपोतों को दोनों पोतों से अलग-अलग आपात संदेश प्राप्त हुए। वाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संदिग्ध हमलों के बारे में जानकारी दी गई और सरकार स्थिति का आकलन कर रही है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर संदिग्ध हमले के आलोक में गुरूवार को कहा कि विश्व खाड़ी के किसी बड़े तनाव को सहने की स्थिति में नहीं है। फ्रंट आल्टेयर एक लाख 11 हजार टन क्षमता वाला तेल टैंकर है। घटना के बाद इसमें आग लग गयी और वहां पर आपातकालीन चालक दल को देखा गया।