इस्लामाबाद: अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने से पाकिस्तान बहुत खुश है। तालिबान भी पाकिस्तान को खुश करने के लिए उसे खूब 'लॉलीपॉप' दे रहा है और पाकिस्तान के मंत्री उसे अपनी कूटनीतिक रणनीति का नतीजा मानकर उसका गुणगान कर रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान के मंत्री शेख राशिद का ने बयान दिया है कि अफगान तालिबान ने सरकार को आश्वस्त किया है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (TTP) पाकिस्तान (टीटीपी) को पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बता दें कि तहरीक-ए-तालिबान को पाकिस्तान ने बैन कर रखा है। लेकिन, 15 अगस्त को जब अफगान तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया तो जेलों से कई कैदी छोड़े गए थे, जिनमें तहरीक-ए-तालिबान के भी कई सदस्य थे। खुद मंत्री शेख राशिद ने भी यह बात मानी है।
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मौलवी फकीर मोहम्मद जैसे कुछ TTP सदस्यों को तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद रिहा कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर तालिबान के साथ "पूर्ण संपर्क" में थी।
ऐसे में पाकिस्तान यह नहीं सोच रहा है कि जब अफगान तालिबान जेल से तहरीक-ए-तालिबान के सदस्यों को रिहा कर सकता है तो इस बात कि क्या गारंटी है कि वह उन्हें अपनी जमीन पर ऑपरेट नहीं करने देगा?
अफगान तालिबान जैसा कह रहा है पाकिस्तान बस वैसा ही मानता जा रहा है। पाकिस्तान यह मान चुका है कि अफगान तालिबान अपनी मिट्टी पर तहरीक-ए-तालिबान को पाकिस्तान के खिलाफ काम नहीं करने देगा।
पाकिस्तान के मंत्री शेख राशिद ने कहा, "अफगान तालिबान ने (हमें) आश्वस्त किया है कि अफगानिस्तान की भूमि को तहरीक-ए-तालिबान द्वारा किसी भी मामले में उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"