काबुल: तालिबान आतंकवादियों ने चेतावनी दी है कि अगर 1 मई की समय सीमा तक विदेशी सैनिक अफगानिस्तान से नहीं हटते हैं तो वे उनके खिलाफ फिर से हमला शुरू करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से सैनिकों को हटाने को लेकर किसी स्पष्ट समय सीमा की पेशकश नहीं की है। इसी की प्रतिक्रिया में तालिबान आतंकियों की यह चेतावनी सामने आई है। डीपीए न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को आतंकी संगठन के बयान के हवाले से रिपोर्ट दी है, जिसमें कहा गया है, ‘लंबे समय तक युद्ध, अनगिनत मौत और विनाश की सारी जिम्मेदारी उन लोगों के कंधों पर होगी, जिन्होंने इसका उल्लंघन किया है।’
समझौते के बाद से NATO सेना पर नहीं हुआ है हमला
गौरतलब है कि 1 मई की समय सीमा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फरवरी 2020 में दोहा में तालिबान के साथ अमेरिकी प्रशासन के एक समझौते का ही हिस्सा है। अब बाइडेन प्रशासन द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है। इस समझौते के तहत अमेरिका ने अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय बलों को वापस लेने का वादा किया है। इसके बदले में तालिबान ने अल कायदा और अन्य आतंकवादी समूहों के साथ संबंध समाप्त करने का वचन दिया है। इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो बलों पर कोई हमला नहीं हुआ है।
तालिबान ने अफगान सरकार के खिलाफ हमले तेज किए
हालांकि, तालिबान ने अफगान सरकार के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। इसके अलावा, तालिबान के प्रतिनिधियों और सितंबर 2020 में शुरू हुई सरकार के बीच चल रही शांति वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। गुरुवार को बाइडेन ने कहा था कि वह अगले साल अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति की कल्पना नहीं कर सकते। लेकिन, उन्होंने एक सटीक समय-सारिणी की पेशकश नहीं की। तालिबान ने बाइडेन की टिप्पणी को ‘अस्पष्ट’ कहा और जोर दिया कि पिछले 20 वर्षों के युद्ध को समाप्त करने के लिए दोहा समझौता सबसे अच्छा विकल्प है।