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पंजशीर घाटी पर तालिबान का हुआ कब्जा? अमरुल्लाह सालेह ने खारिज किया दावा

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, तालिबान का कहना है कि अमरुल्लाह सालेह पंजशीर घाटी के कुछ कमांडरों के साथ भाग गए लेकिन सालेह का कहना है कि वो पंजशीर में रहकर तालिबानी ताकत का विरोध कर रहे हैं। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 04, 2021 0:01 IST
पंजशीर घाटी पर तालिबान का हुआ कब्जा? अमरुल्लाह सालेह ने खारिज किया दावा- India TV Hindi
Image Source : AP FILE PHOTO पंजशीर घाटी पर तालिबान का हुआ कब्जा? अमरुल्लाह सालेह ने खारिज किया दावा

काबुल: समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से कहा है कि तालिबान ने पंजशीर घाटी सहित अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है, जहां विपक्षी ताकतों का कब्जा था। हालांकि, अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के दावे को खारिज कर दिया। अफगानिस्तान छोड़ने की खबरों के बीच सालेह ने कहा कि वह अभी पंजशीर में ही हैं और तालिबान के आगे नहीं झुकेंगे। अमरुल्लाह सालेह के बेटे एबादुल्ला सालेह ने भी पंजशीर के तालिबान के कब्जे में जाने की खबरों को गलत बताया है। उन्होंने एक मैसेज में कहा, 'नहीं, यह खबर गलत है।'

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, तालिबान का कहना है कि अमरुल्लाह सालेह पंजशीर घाटी के कुछ कमांडरों के साथ भाग गए लेकिन सालेह का कहना है कि वो पंजशीर में रहकर तालिबानी ताकत का विरोध कर रहे हैं। पंजशीर पहले की तरह तालिबानियों के लिये कब्रगाह साबित होगा। बता दें कि, तालिबान ने 1996 में जब सत्ता हथियाया था तो उस वक्त भी पंजशीर घाटी उसके कब्जे से बाहर थी।

अफगानिस्तान में सरकार का गठन आज होगा- तालिबान प्रवक्ता

तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को 1 दिन के लिए टाल दिया गया है। मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा अब शनिवार यानी 4 सितंबर को की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि कतर की राजधानी दोहा में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान की सरकार के प्रमुख हो सकते हैं। तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि समूह, काबुल में ईरानी नेतृत्व की तर्ज पर सरकार गठन का ऐलान करने के लिए तैयार है जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है। 

तालिबान के सूचना एवं सांस्कृतिक आयोग में वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह समांगनी ने कहा, “ नई सरकार पर सलाह-मशविरा करीब-करीब पूरा हो चुका है और कैबिनेट को लेकर भी जरूरी चर्चा कर ली गई है। ईरान में, सर्वोच्च नेता देश का सर्वोच्च राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी है। उसका दर्जा राष्ट्रपति से ऊंचा होता है और वह सेना, सरकार और न्यायपालिका के प्रमुखों की नियुक्ति करता है। सर्वोच्च नेता का देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में निर्णय अंतिम होता है। 

उन्होंने कहा, “मुल्ला अखुनजादा सरकार के नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए।” उन्होंने संकेत दिया कि राष्ट्रपति उनकी देखरेख में काम करेंगे। मुल्ला अखुनजादा तालिबान के शीर्ष धार्मिक नेता हैं और वह 15 साल तक बलूचिस्तान प्रांत के कछलाक इलाके में एक मस्जिद में कार्यरत रहे हैं। समांगनी ने कहा कि नए सरकारी ढांचे के तहत प्रांत गवर्नरों के जिम्मे होंगे जबकि जिला गवर्नर अपने-अपने जिलों की जिम्मेदारी संभालेंगे। तालिबान प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नर, पुलिस प्रमुख और पुलिस कमांडरों की पहले ही नियुक्ति कर चुका है। उन्होंने कहा कि नई शासन प्रणाली के नाम, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। 

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