काबुल: तालिबान ने शनिवार तड़के काबुल के दक्षिण में स्थित एक प्रांत पर कब्जा कर लिया और देश के उत्तर में स्थित अहम शहर मजार-ए-शरीफ पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया। अफगान अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्णतया वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है और ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। इसके कारण यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर सकता है या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। लोगार से सांसद होमा अहमदी ने शनिवार को बताया कि तालिबान ने पूरे लोगार पर कब्जा कर लिया है और प्रांतीय अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है।
उन्होंने बताया कि तालिबान काबुल के दक्षिण में मात्र 11 किलोमीटर दूर चार असयाब जिले तक पहुंच गया है। उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने बताया कि तालिबान ने शनिवार तड़के मजार-ए-शरीफ पर कई दिशाओं से हमला किया। इसके कारण इसके बाहरी इलाकों में भीषण लड़ाई शुरू हो गई। उन्होंने हताहतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी। इस बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि वह 20 वर्षों की उपलब्धियों को बेकार नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान के हमले के बीच विचार-विमर्श जारी है।
गनी मजार-ए-शरीफ को बचाने की कोशिशों के तहत बुधवार को शहर गए थे और उन्होंने हजारों लड़ाकों की कमान संभालने वाले अब्दुल राशिद दोस्तम और अता मोहम्मद नूर समेत सरकार से संबद्ध कई मिलिशिया कमांडरों के साथ बैठक की थी। ये मिलिशिया कमांडर सरकार की ओर हैं, लेकिन अफगानिस्तान में पहले हुई लड़ाइयों में छत्रपों को अपने बचाव के लिए पाला बदलने के लिए जाना जाता रहा है। एक पूर्व शक्तिशाली छत्रप इस्माइल खान ने हेरात को बचाने की कोशिश की थी। तालिबान ने दो हफ्ते तक चली भीषण लड़ाई के बाद पश्चिमी शहर पर कब्जे के दौरान इस्माइल को पकड़ लिया था।
अपनी सुरक्षा को लेकर मजार-ए-शरीफ के निवासी चिंतित हैं। एक निवासी मोहिबुल्लाह खान ने कहा, ‘‘शहर के भीतर और बाहर हालात खतरनाक हैं।’’ उन्होंने कहा कि कई लोग आर्थिक परेशानियों से भी जूझ रहे हैं। एक अन्य निवासी कावा बशरत ने कहा, ‘‘शहर में सुरक्षा हालात खराब होते जा रहे हैं। मैं शांति और स्थिरता चाहता हूं। लड़ाई खत्म हो जानी चाहिए।’’ तालिबान ने देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहरों हेरात और कंधार समेत कई स्थानों पर अपना कब्जा कर लिया है। देश के 34 में से 18 प्रांतों पर उसका कब्जा है। तालिबान के तेजी से आगे बढ़ने के कारण पश्चिम-समर्थित सरकार का नियंत्रण काबुल और मजार-ए-शरीफ के साथ-साथ केवल मध्य एवं पूर्व में स्थित प्रांतों पर शेष रह गया है।
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