नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने पर अफ़ग़ान तालिबान ने भी प्रतिक्रिया दी है। तालिबान ने पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान और कश्मीर मुद्दे को जोड़ने का विरोध किया है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे को कुछ पक्षों की ओर से अफगानिस्तान से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इससे संकट से निपटने में कोई मदद नहीं मिलेगा क्योंकि अफगानिस्तान के मुद्दे का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा अफगानिस्तान अन्य देशों की प्रतिस्पर्धा के बीच नहीं फंसना चाहता।'
असल में पाकिस्तान की नजर इस बात पर है कि यदि वह अफगानिस्तान में शांति प्रकिया को बढ़ावा देता है तो अमेरिका से उसे कश्मीर मसले के हल में मदद मिल सकेगी। बता दें कि बीते कई सालों से तालिबान पाकिस्तान को अपना संरक्षक मानता रहा है। पाकिस्तान ने उसे अपनी सरजमीं पर पलने-बढ़ने, ट्रेनिंग लेने का मौका दिया है। इसके अलावा खूंखार आतंकी संगठन के लड़ाकों और कमांडरों और फंडिंग तक मुहैया कराई है।
उधर गुरुवार को काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने सफ़ाई दी है कि कश्मीर पर ताज़ा संकट का अफ़ग़ानिस्तान की शांति प्रक्रिया पर कोई असर नहीं होगा। गुरुवार को ही एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फ़ैसल ने कहा कि भारत ने कश्मीर में एकतरफ़ा फ़ैसला कर संयुक्त राष्ट्र की उपेक्षा की है और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया है।