काबुल. अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने धीरे-धीरे अपने पुराने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान की सरकार में किसी भी महिला को शामिल न किए जाने के बाद तालिबान ने बाल काटने वाली दुकानों के लिए शेविंग न करने के आदेश जारी कर दिए हैं। तालिबान ने सोमवार को एक दक्षिणी अफगानिस्तान प्रांत में नाई की दुकान पर दाढ़ी बनाने या दाढ़ी काटने पर प्रतिबंध लगा दिया। तालिबान का दावा है कि उनका आदेश शरिया / इस्लामी कानून के अनुरूप है।
तालिबान द्वारा ये आदेश हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में जारी किया गया। लश्कर गाह के एक नागरिक बिलाल अहमद ने कहा, "जब से मैंने ये आदेश सुना है तब से मेरा दिल टूट गया है। यह एक शहर, यहां हर व्यक्ति का जीवन जीने का एक अंदाज है लेकिन अब वो ये तरीका तय करेंगे।"
अफगानिस्तान के अपने पिछले शासन के दौरान तालिबान ने कठोर इस्लामी कानूनों को पालन किया था। उन्होंने पिछले 15 अगस्त को फिर से काबुल पर कब्जा कर लिया, तभी से पूरी दुनिया की उनपर नजर है कि क्या वो पिछली बार की तरह क्रूरता दिखाएंगे। इसका एक नजर कुछ ही दिनों पहले हेरात में देखा गया जहां तालिबान ने चार लोगों को सरेआम चौराहे पर मारकर लटका दिया।
नाईयों के लिए तालिबान द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई नियम का पालन नहीं करेगा तो उसे सजा दी जाएगी और उसे शिकायत का कोई अधिकार नहीं होगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अगर वे शेविंग या ट्रिमिंग नियम का पालन नहीं करते हैं तो नाइयों को क्या दंड का सामना करना पड़ सकता है। तालिबान के पिछले शासन के दौरान रूढ़िवादी इस्लामवादियों ने मांग की थी कि पुरुष दाढ़ी बढ़ाएं।
2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद सत्ता से बेदखल होने के बाद से, मुंडा या साफ-सुथरी दाढ़ी देश में लोकप्रिय हो गई है। अब तालिबान के नए आदेश के बाद लश्कर गाह में नाई की दुकान चलाने वाले शेर अफजल ने कहा कि इस आदेश से वो पूरी तरह से टूट गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई बाल कटवाने के लिए आता है, तो अब वो 40 से 45 दिनों के बाद हमारे पास वापस आएगा, इस वजह से हमारा काम धंधा बहुत ज्यादा प्रभावित होगा।