काबुल: अमेरिका में 11 सितंबर के आतंकी हमलों की 20वीं बरसी के दिन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का झंडा फहराता दिखाई दिया। काबुल में राष्ट्रपति भवन पर शुक्रवार को तालिबान का झंडा लगाया गया था, जो शनिवार को भी फहरा रहा था। इसके अलावा अमेरिकी दूतावास की इमारत की दीवार पर भी तालिबान का झंडा दिखा। तालिबान ने दूतावास की दीवार पर अपना सफेद झंडा पेंट किया हुआ है। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कुछ दिनों के बाद 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों की बरसी मनाई जा रही है। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में आतंकी हमला हुआ था।
9/11 हमली की बरसी मना रहा है अमेरिका
अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए भयावह हमले की 20वीं बरसी पर मौजूदा राष्ट्रपति और दो पूर्व राष्ट्रपति अपनी पत्नियों के साथ ‘नेशनल सेप्टेंबर 11 मेमोरियल’ पर एक-दूसरे के पास खड़े हुए, उन्होंने मौन रखा और एकजुटता के प्रदर्शन के साथ राष्ट्र पर हुए हमले की बरसी मनाई। राष्ट्रपति जो बाइडन, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और बिल क्लिंटन, कांग्रेस के सदस्य, अन्य हस्तियां और पीड़ितों के परिवार उसी स्थान पर एकत्रित हुए जहां पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो बहुमंजिला इमारतें थीं और जिन्हें आतंकवादियों ने अपहृत विमानों को टकराकर ध्वस्त कर दिया था। सभी ने नीले रिबन पहन रखे थे और अपने हाथ छाती के बांयी ओर दिल पर रखे हुए थे।
सैकड़ों अमेरिकी इस दौरान उपस्थित थे जिनमें कुछ के हाथों में अपने उन प्रियजनों की तस्वीरें थीं जो इस हमले में मारे गये। कार्यक्रम शुरू होने से पहले एक विमान ने ऊपर से उड़ान भरी। जिस समय आतंकवादियों ने चार विमानों से हमले को अंजाम दिया था, उस समय बाइडन सीनेट सदस्य थे। अब वह पहली बार कमांडर-इन-चीफ के रूप में 9/11 की बरसी में शामिल हुए। राष्ट्रपति का शनिवार को उन तीनों घटनास्थलों पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम है जहां विमान हमले हुए थे।
वह न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के बाद पेंटागन और शांक्सविले के निकट एक खेत में जाएंगे। इस दौरान वह भाषण नहीं देंगे बल्कि व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को बाइडन का पहले ही रिकॉर्ड किया गया संबोधन जारी किया था, जिसमें राष्ट्रपति ‘‘राष्ट्रीय एकता की सच्ची भावना’’ के बारे में बात कर रहे हैं जो हमलों के बाद उत्पन्न हुई थी और अपेक्षित तथा अप्रत्याशित स्थानों पर वीरता के रूप में देखी गई।
अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को आतंवादियों ने विमानों का अपहरण कर लिया था और अमेरिकी धरती पर अब तक के सबसे भयावह आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था, विमानों से हमला करके ट्विन टॉवर गिरा दिए थे। इन हमलों में करीब 3,000 लोग मारे गए थे।