काबुल: अफगानिस्तान में फिर से लौटने के बाद भले ही तालिबान दुनिया को यह बताने की कोशिश कर रहा हो कि वह पहले जैसा नहीं है, अब बदल गया है लेकिन उसकी हरकतें बता रही है कि तालिबान बदला नहीं है। अब तालिबान के लड़ाकों ने बामियान में हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति तोड़ दी। बामियान वही जगह है, जहां तालिबान ने 2001 में अपने तत्कालीन नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के आदेश पर बुद्ध की मूर्तियां तोड़ी थीं।
अब बामियान में तोड़ी गई हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं। बता दें कि अब्दुल अली मजारी, हजारा समुदाय के नेता थे, जिनकी आतंकी समूह ने 1995 में हत्या कर दी थी। वह तालिबान के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख रूप से शामिल थे। तालिबान ने उनका अपहरण किया था और फिर उनकी हत्या करके शव को गजनी में एक हेलीकॉप्टर से नीचे फेंक दिया था।
प्रदर्शनकारियों पर बरसाई गोलियां, 2 लोगों की मौत
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान ने अपना आतंक दिखाना शुरू कर दिया है। यहां के नंगरहार प्रांत (Nangarhar Province) में तालिबान ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी की। इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, जिन लोगों पर तालिबान ने गोलियां चलाई हैं, वह देश के झंडे के अपमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
दरअसल, तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज को हटाकर हर जगह अपने सफेद रंग के झंडे लगा दिए हैं। लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने तालिबान से अपील की थी कि वह देश के झंडे का अपमान न करे लेकिन तालिबानियों ने इसके बदले उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। तालिबानी लड़ाकों की इस क्रूर कार्रवाई में 2 लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है।
यह घटना नंगरहार प्रांत के सुर्ख रोड इलाके की बताई जा रही है। जब तालिबानी लड़ाकों ने गोलीबारी की, उस वक्त मौके पर काफी भीड़भाड़ थी। गोलियों की आवाज सुनकर अफरा-तफरी मच गई है और लोगों ने सड़क पर भागना शुरू कर दिया। इसी दौरान 2 लोगों की मौत हो गई और करीब 12 लोग घायल हो गए। यह घटना तब हुई है जब एक दिन पहले ही तालिबान ने शांति बनाए रखने की बात कही थी।
तालिबान के लड़ाकों ने यहां निहत्थे लोगों पर कई राउंड गोलियां चलाईं जबकि लोग बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके अपनी बात रख रहे है। लोगों को सिर्फ इतना कहना था कि तालिबान देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न करे लेकिन तालिबान के लड़ाकों से यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां बरसा दीं।