इस्लामाबाद: तालिबान के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से गुरुवार को मुलाकात की। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मुलाकात अफगान शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर जोर देने के उद्देश्य से की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति वार्ता को अचानक से रद्द कर इसे ‘खत्म’ घोषित कर दिया था। आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के तालिबान के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं, और उन्हें इसी के चलते ‘तालिबान खान’ के नाम से भी बुलाया जाता है।
बरादर ने कुरैशी से की मुलाकात
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर की अगुवाई में तालिबान प्रतिनिधिमंडल बुधवार की रात इस्लामाबाद पहुंचा। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कुरैशी से मुलाकात के दौरान अफगान शांति वार्ता और क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की गई। कुरैशी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि अफगानिस्तान में जारी अशांति का हल जंग से नहीं निकलने वाला है। यह प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद में अमेरिकी अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकता है। आपको बता दें कि अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीत काफी आगे तक चली गई थी, लेकिन एक विस्फोट में अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद वार्ता को ट्रंप ने रद्द कर दिया था।
अमेरिका के विशेष दूत भी पाकिस्तान में मौजूद
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि अफगान प्रतिनिधिमंडल अमेरिका-तालिबान के बीच फिलहाल रुकी हुई शांति वार्ता में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा के लिए पाकिस्तान के आमंत्रण पर यह दौरा कर रहा है। अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत जलमी खलीलजाद भी शांति वार्ता फिर से शुरू करने पर चर्चा के लिए पाकिस्तान में मौजूद हैं। वह तालिबान के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात कर सकते हैं।