काबुल: अफगानिस्तान के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि तालिबान के आतंकवादियों ने देश के पूर्वी प्रांत नूरिस्तान में एक और जिले पर कब्जा कर लिया है। प्रांतीय पार्षद सैदुल्लाह नूरिस्तानी ने डीपीए समाचार एजेंसी को बताया कि सरकारी बलों ने 20 दिनों के प्रतिरोध के बाद दोआब जिले को छोड़ दिया है। नूरिस्तानी के मुताबिक, आतंकवादियों ने जिले में सभी आपूर्ति मार्गों को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे सरकारी बलों को जिले को खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सरकारी बलों को लगभग एक महीने तक केंद्र सरकार से कोई खाद्य आपूर्ति या गोला-बारूद नहीं मिल पाया था।
‘बिना लड़े ही चले गए सरकारी बल’
हालांति नूरिस्तान प्रांत का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सांसद इस्माइल अतीकन ने दावा किया कि क्षेत्र में स्थानीय आदिवासी बुजुर्गों द्वारा मध्यस्थता वाले एक समझौते के बाद अफगानिस्तान के सरकारी बलों ने तालिबानी आतंकवादियों से लड़े बिना ही जिले को छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि इसके बदले में विद्रोहियों ने निकासी के दौरान सरकारी बलों पर हमला नहीं किया। एमपी अतीकन के मुताबिक, दोआब जिला पंजशीर और बदख्शां प्रांतों को नूरिस्तान से जोड़ता है, और आतंकवादी अब पड़ोसी लगमान प्रांत के लिए खतरा हैं क्योंकि उन्होंने प्रांत के नूरग्राम जिले को घेर लिया है।
1 मई से 7 जिले तालिबान के कब्जे में आए
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार रात से अब तक कम से कम तीन जिले तालिबान की गिरफ्त में आ चुके हैं। स्थानीय अधिकारियों ने शुक्रवार देर रात दक्षिणी जाबुल और उरुजगन प्रांतों में 2 जिलों के तालिबान के कब्जे में आने की पुष्टि की। 1 मई को अफगानिस्तान में अमेरिका और अन्य नाटो सैनिकों की आधिकारिक वापसी के बाद से कम से कम सात जिले तालिबान के हाथों में आ गए हैं। तालिबान ने प्रांतीय राजधानियों, जिलों, ठिकानों और चौकियों पर हमले तेज कर दिए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में दसियों हजार अफगान विस्थापित हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी 11 सितंबर तक पूरी होनी है।