ढाका: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के नये चांसरी परिसर का उद्घाटन और 15 परियोजनाओं का आज शिलान्यास किया। सभी परियोजनाएं भारत से वित्त पोषित हैं। बांग्लादेश यात्रा के अंतिम दिन ढाका के बरीधारा राजनयिक एन्क्लेव में सुषमा ने दीप प्रज्वलित कर इस विशाल राजनयिक परिसर का उद्घाटन किया। भारतीय उच्चायोग भी इसी परिसर में स्थित है। भारतीय उच्चायोग पहले शहर के गुलशाल इलाके के एक भवन से संचालित होता था। समारोह के दौरान उन्होंने भारतीय वित्त पोषण वाली 15 विकास परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। अधिकारियों का कहना है कि सभी परियोजनाएं देश के भौगोलिक, सामाजिक-आर्थिक हितों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी हैं।
यह रेखांकित करते हुए कि द्विपक्षीय संबंध रणनीतिक साझेदारी से बहुत आगे निकल गये हैं, सुषमा ने कहा, भारत, पड़ोसी पहले आते हैं की नीति का पालन कर रहा है और पड़ोसियों में बांग्लादेश सबसे पहले आता है। 87 लाख डॉलर की लागत वाली इन परियोजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, जलापूर्ति और सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखा गया है।
इनमें पिरोजपुर के दक्षिणी-पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्र में 11 जल शोधन संयंत्रों की स्थापना भी शामिल है। इससे 1,50,000 लोगों को लाभ होगा। इन परियोजनाओं में सामुदायिक क्लिनिक और ढाका स्थित रमना काली मंदिर का पुनरूद्धार भी शामिल है। वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के दौरान यह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. एच. महमूद अली, स्वास्थ्य मंत्री मोहम्मद नसीम और प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार एच. टी. इमाम सहित अन्य लोगों इस समारोह में भाग लिया। नये चांसरी परिसर का निर्माण पांच एकड़ भूमि में हुआ है। चांसरी के अलावा इस परिसर में भारतीय उच्चायोग, एक आवासीय ब्लॉक, एक खेल परिसर और एक बहुद्देशीय सभागार शामिल है।
उच्चायोग के कर्मचारी इस परिसर में 2004 से रह रहे हैं जबकि चांसरी ने पिछले वर्ष अक्तूबर से काम करना शुरू कर दिया था। बांग्लादेश के विदेश मंत्री महमूद अली के साथ वार्षिक संयुक्त सलाहकार आयोग की बैठक के लिए सुषमा कल यहां पहुंचीं। वर्ष 2014 में विदेश मंत्री बनने के बाद दूसरी बार बांग्लादेश दौरे पर आयीं सुषमा आज दोपहर दिल्ली रवाना हो जाएंगी।