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चीनी अखबार ने सुषमा को बताया झूठा, कहा-चीन अपनी जमीं का एक इंच हिस्सा भी नहीं खो सकता

द ग्लोबल टाइम्स ने सुषमा के राज्यसभा के भाषण की तरफ इशारा करते हुए कहा, वह संसद से झूठ बोल रही थीं। गौरतलब है कि विदेश मंत्री ने संसद में कहा था कि पहले चीन डोकलाम से अपनी सेना हटाए उसी के बाद भारत अपनी सेना हटाने पर विचार करेगा। सुषमा ने कहा है कि भ

Edited by: India TV News Desk
Published : July 22, 2017 8:02 IST
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बीजिंग: चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि अपनी जमीं का एक इंच हिस्सा खोना भी बर्दाश्त नहीं कर सकता और सैन्य तनातनी खत्म करने के लिए सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को वापस बुलाने की संभावना खारिज कर दी। कॉम्युनिस्ट पार्टी के मीडिया समूह के मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स अखबार के एक संपादकीय में यह कड़ी टिप्पणी की गई। अखबार साारूढ़ दल के विचारों को प्रतिबिंबित करता है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच अखबार हाल के हफ्तों में जमकर भारत विरोधी बयानबाजी कर रहा है।

अखबार ने कहा, चीन अपनी जमीं का एक इंच हिस्सा भी खोना बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह चीनी लोगों की अटूट इच्छा और अनुरोध है। चीन सरकार अपने लोगों की मूलभूत इच्छा का उल्लंघन नहीं कर सकती और पीएलए चीनी लोगों को नीचा नहीं दिखाएगी। अखबार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर सिक्किम सेक्टर में भारत की कथित घुसपैठ को जायज ठहराने के लिए संसद में झूठ बोलने का भी आरोप लगाया।

द ग्लोबल टाइम्स ने सुषमा के राज्यसभा के भाषण की तरफ इशारा करते हुए कहा, वह संसद से झूठ बोल रही थीं। गौरतलब है कि विदेश मंत्री ने संसद में कहा था कि पहले चीन डोकलाम से अपनी सेना हटाए उसी के बाद भारत अपनी सेना हटाने पर विचार करेगा। सुषमा ने कहा है कि भारत अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम हैं।

विदेश मंत्री ने राज्‍यसभा में बोलते हुए कहा कि चीन, डोकलाम की मौजूदा स्थिति को अपने हिसाब से बदलना चाहता है हालांकि मौजूदा गतिरोध पर कानूनी तौर पर भारत का पक्ष मजबूत है। दुनिया के तमाम देश भारत के साथ इस मसले पर खड़े हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि कोई भी देश अपने हिसाब से डोकलाम ट्राईजंक्‍शन को नहीं बदल सकता। भूटान के प्रति चीन ने आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है।

उन्होंने कहा, ’डोकलाम विवाद पर भारत को कतई घेरा नहीं जा सकता। भूटान जैसे छोटे देश पर चीन हावी हो रहा है। ’भारत और चीन की सीमा अभी तय होनी है, वहीं चीन और भूटान की सीमा भी अभी तय होनी है। अगर चीन भारत की सुरक्षा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो भारत सहन नहीं करेगा।’

चीनी विदेश मंत्रालय ने सुषमा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। अखबार ने कहा, यह सीधी बात है कि भारत ने चीन की जमीं पर घुसपैठ की है और भारत की सैन्य ताकत चीन से काफी कम है।

संपादकीय के अनुसार, चीन और भारत के बीच संघर्ष इस स्तर तक बढ़ जाए कि विवाद का हल सैन्य तरीके से ही करना पड़े तो भारत यकीनन हार जाएगा। चीनी अखबार ने कहा कि चीन बातचीत की पूर्व शर्त के तौर पर अपनी सेना वापस बुलाने पर कभी भी सहमत नहीं होगा और अगर भारत जिद पर अड़ा रहा तो उसे भविष्य में तनाव के गंभीर रूप से बढ़ने पर सभी संभावनाओं को लेकर तैयार रहना चाहिए।

क्या है डोकलाम विवाद?

दोनों देशों के बीच सिक्किम क्षेत्र में बढ़ते तनातनी का मुख्‍य वजह भारतीय जमीन के उस टुकड़े को माना जा रहा है जिसे 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है। चीन, भारत को इस क्षेत्र में घेरना चाहता है इसलिए वह सिक्किम-भूटान और तिब्‍बत के मिलन बिंदु स्‍थल (डोका ला) तक एक सड़क का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है जिस पर भारत को आपत्ति है। इस सड़क का निर्माण वह भूटान के डोकलाम पठार में कर रहा है। 'चिकन नेक' का अर्थ है मुर्गे की गर्दन और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लेकिन कमज़ोर क्षेत्रों को 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है।

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