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मैं पकिस्तान लौटने वाला था लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि फैसला बदलना पड़ा: मुशर्रफ

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने गुरुवार को कहा कि वह पाकिस्तान लौटने वाले थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी आदेश के बाद उन्हें अपना प्लान बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 21, 2018 18:08 IST
Supreme Court's arrest order forced me to rethink plans to return to Pakistan: Pervez Musharraf | AP- India TV Hindi
Supreme Court's arrest order forced me to rethink plans to return to Pakistan: Pervez Musharraf | AP

कराची: पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने गुरुवार को कहा कि वह पाकिस्तान लौटने वाले थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी आदेश के बाद उन्हें अपना प्लान बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। वर्ष 2016 से दुबई और लंदन में रह रहे 74 वर्षीय मुशर्रफ देश के सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं। उन पर एक मामला देशद्रोह का भी है जो संविधान को पलटने के आरोप में दर्ज किया गया था। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में मुशर्रफ से कहा था कि यदि वह 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में लड़ना चाहते हैं तो वह पाकिस्तान लौटें।

पूर्व राष्ट्रपति ने वीडियो लिंक के जरिए कहा, ‘अदालत में मेरी पेशी से पहले मुझे गिरफ्तार करने पर रोक के शीर्ष अदालत के फैसले ने लौटने की मेरी योजना पर दोबारा सोचने को मजबूर कर दिया है। यदि मुझे अदालत में पेशी के बाद गिरफ्तार कर लिया जाता है तो मेरी वापसी का देश को कोई फायदा नहीं होगा। पूरी दुनिया जानती है कि मैं कायर नहीं हूं , लेकिन अब मैं वापसी के लिए उचित समय का इंतजार करूंगा।’ अधिकारियों द्वारा ‘एग्जिट कंट्रोल लिस्ट’ से उनका नाम हटाए जाने के बाद मुशर्रफ इलाज के लिए 18 मार्च 2016 को विदेश रवाना हो गए थे। उनके वकीलों का कहना है कि वह पार्किंसन बीमारी से पीड़ित हैं और विदेश में उनका अब भी इलाज चल रहा है।

मुशर्रफ ने अपनी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के टिकट पर 2 सीटों से नामांकन भरा था, लेकिन चुनाव अधिकारी द्वारा चित्राल एनए-1 सीट से उनका नामांकन खारिज कर दिए जाने के बाद उन्होंने कराची की एनए-247 सीट से भी तब खुद ही नामांकन वापस ले लिया जब उनसे चुनाव अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गत 13 जून को मुशर्रफ को फटकार लगाते हुए कहा था कि वह 24 घंटे के भीतर पेश हों और उनके नामांकन पर फैसला अदालत के समक्ष उनकी पेशी पर निर्भर है। चीफ जस्टिस साकिब निसार के हवाले से मीडिया ने कहा था, ‘यदि परवेज मुशर्रफ कमांडो हैं तो उन्हें देश लौटकर यह दिखाना चाहिए, बजाय नेताओं की तरह यह बहानेबाजी कर कि वह लौटेंगे।’

चीफ जस्टिस ने कहा था, ‘मुशर्रफ को सुरक्षा की जरूरत क्यों है, कोई कमांडो भयभीत कैसे हो सकता है? मुशर्रफ ने कहा है कि उन्होंने कई बार मौत को चकमा दिया है और वह कभी नहीं डरे।’ निसार ने यह भी कहा था, ‘उन्हें तब भी डर नहीं लगा जब उन्होंने देश पर कब्जा किया था।’ मुशर्रफ से उनकी संपत्तियों के संबंध में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की जांच के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि अपनी संपत्तियों की जांच को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है और वह NAB का पूरा सहयोग करेंगे। पूर्व सैन्य शासक ने कहा, ‘मेरे पास छिपाने के लिए क्या है, मैं 3 बेडरूम वाले अपार्टमेंट में रहता हूं।’ पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक ने 2008 के आम चुनाव से पहले राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद ‘ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग’ पार्टी का गठन किया था।

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