काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शिया समुदाय को निशाना बनाकर फिदायीन विस्फोट में कम से कम 41 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इस्लामिक स्टेट ग्रुप (आईएस) ने भीषण हमले की जिम्मेदारी ली है। आईएस ने अपनी प्रचार इकाई अमाक पर एक बयान में कहा है कि उसने शिया सांस्कृतिक केंद्र को निशाना बनाकर विस्फोट किये। यह विस्फोट उस इमारत परिसर में हुआ जहां अफगान वॉइस एजेंसी का कार्यालय है। पहले खबरें आयी थीं कि संभवत: इसी मीडिया प्रतिष्ठान को निशाना बनाया गया है। गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि यह हमला तबायान सांस्कृतिक केंद्र को निशाना बनाकर किया गया। इससे पहले अक्तूबर में शिया मस्जिद पर जोरदार हमला हुआ था जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। (जाधव की मां और पत्नी की यात्रा के दौरान किए गए सुरक्षा उपायों का पाकिस्तान ने फिर किया बचाव )
रहीमी ने बताया, ‘‘आत्मघाती हमलावर ने तबायान सांस्कृतिक केंद्र में एकत्र लोगों के बीच खुद को उड़ा लिया जिससे काफी लोग हताहत हुए।’’ उन्होंने बताया कि भीषण विस्फोट के बाद जब लोग वहां से निकल रहे थे तो दो और विस्फोट हुए। उन्होंने बताया कि विस्फोट उस समय हुए जब वहां अफगानिस्तान पर पूर्व सोवियत संघ के आक्रमण के 38 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक कार्यक्रम चल रहा था। अफगान वॉइस एजेंसी के एक पत्रकार ने बताया कि इमारत के भूतल में आयोजन के वक्त 100 से ज्यादा लोग जमा थे।
हालिया महीने में काबुल पर हमले बढ़े हैं। तालिबान ने हमले तेज किये हैं, वहीं इस्लामिक स्टेट ग्रुप (आईएस) देश में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। इससे कुछ दिन पहले अफगान खुफिया एजेंसी परिसर के पास हुए हमले में छह लोगों की मौत हो गयी थी। हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी। वर्ष 2015 में क्षेत्र में पहली बार अपनी उपस्थिति जताने के बाद इस जेहादी समूह ने काबुल में सुरक्षा प्रतिष्ठानों सहित देश के शिया अल्पसंख्यकों पर हमले तेज किये हैं।