काबुल: अफगानिस्तान के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल में आज चिकित्सकों की वेशभूषा में आये आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसके बाद काबुल विस्फोट और गोलीबारी से दहल उठा। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने सरदार दाउद खान अस्पताल में किये गये हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब गर्मियों में तालिबान के हमले शुरू होने से पहले ही उसके आतंकवादियों के हमले बढ़ गये हैं। अस्पताल में आतंकवादियों के हमले अब भी जारी है।
मले में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन अस्पताल में फंसे चिकित्सा कर्मियों ने सोशल मीडिया पर मदद मांगी है। अस्पताल के एक कर्मचारी ने फेसबुक पर लिखा, हमलावर अस्पताल के अंदर हैं। हमारे लिये दुआ कीजिये। अस्पताल प्रशासकों ने एएफपी को बताया कि विस्फोट के बाद चिकित्सकों के सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारी अस्पताल में घुस आये जिससे वहां अफरातफरी मच गयी। इस अस्पताल में 400 बेड हैं।
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अस्पताल प्रशासक अब्दुल हाकिम ने एएफपी को टेलीफोन पर कहा, हमलवार हर जगह गोलियां चला रहे हैं। हम स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे एक सप्ताह पहले काबुल में दो सुरक्षा परिसरों पर तालिबान के आत्मघाती हमलों में 16 लोग मारे गये थे। बढ़ती हिंसा आतंकवादी संगठन तालिबान को लेकर अफगानिस्तान में बढ़ रही असुरक्षा को दर्शाती है। तालिबान के साथ शांति वार्ता नाकाम होने के कारण गर्मियों के मौसम में हमले बढ़ने के लिए देश अपने आप को तैयार कर रहा है।
काबुल ने गत महीने अमेरिकी जनरल जॉन निकोलसन की उस मांग का समर्थन किया था जिसमें उन्होंने गर्मियों में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए अफगानिस्तान में गठबंधन सेना के हजारों अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने के लिए कहा था। पेंटागन ने इस वर्ष कहा था कि वह गर्मियों में अकेले हेलमंद प्रांत में ही करीब 300 अमेरिकी नौसैनिकों को तैनात करेगा।