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माइक पोम्पियो की भारत यात्रा पर बिलबिला उठा चीन, दिया यह बड़ा बयान

गौरतलब है कि 'टू प्लस टू' वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी को लोकतंत्र और पारदर्शिता का दुश्मन करार दिया। उन्होंने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून महीने में हुई हिंसक झड़प का भी जिक्र किया। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 27, 2020 22:02 IST
Stop sowing discord between China, regional countries: Beijing on Pompeo’s India trip- India TV Hindi
Image Source : PTI Stop sowing discord between China, regional countries: Beijing on Pompeo’s India trip

बीजिंग: भारत और अमेरिका बीच हुए टू प्लस टू वार्ता से चीन बिलबिला उठा है। उसने पोम्पियो की इस यात्रा को एशिया में कलह बोने वाला करार दिया है। चीन ने पोम्पियो से आग्रह किया है कि वे क्षेत्र की शांति और स्थिरता को कम करने का प्रयास न करें। बता दें कि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ अमेरिका-भारत 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर के साथ भारत की यात्रा पर आए हुए हैं।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेसवार्ता में कहा, "पॉम्पिओ चीन के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं।" वांग ने कहा कि हम उनसे आग्रह करते हैं कि शीत युद्ध का विचार त्याग दें और चीन और इसके पड़ोसी देशों के बीच कलह का बीज बोना बंद करें। उन्होंने कहा कि जाहिर है कि अमेरिका के शीत युद्ध के विचार से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता प्रभावित होती है।

गौरतलब है कि 'टू प्लस टू' वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी को लोकतंत्र और पारदर्शिता का दुश्मन करार दिया। उन्होंने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून महीने में हुई हिंसक झड़प का भी जिक्र किया। 

पॉम्पिओ ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले सैनिकों को सम्मान देने के लिए वॉर मेमोरियल का दौरा किया। उन बलिदानियों में वे 20 भी शामिल हैं जो जून में गलवान घाटी में चीन की पीएलए से लोहा लेते हुए कुर्बानी दी।

इस दौरान अमेरिकी पक्ष ने भारत को यह भी भरोसा दिया कि उसकी संप्रभुता और स्वतंत्रता के लिए जो भी खतरे होंगे, उसके खिलाफ अमेरिका हमेशा साथ खड़ा रहेगा। बता दें कि उन्होंने अगस्त महीने में भी चीन को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया था। पॉम्पिओ ने कहा था कि चीन पश्चिम के लिए गंभीर खतरा है, यहां तक कि शीत युद्ध के दौरान सोवियत रूस भी उतना बड़ा खतरा नहीं था।

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