भारत का पड़ौसी पाकिस्तान कोरोना संकट से जूझते जूझते कंगाली की ओर बढ़ रहा है। भारी कर्ज से दबे पाकिस्तान में महंगाई दर पिछले 12 महीनों के उच्च स्तर पर है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में महंगाई की दर 14.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पाकिस्तान के प्रमुख बैंक स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के अनुसार 2020 में देश की महंगाई दर विकसित देश ही नहीं बल्कि भारत, चीन, नेपाल और बांग्लादेश से भी ज्यादा है।
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन के मुताबिक स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान ने महंगाई दर में उछाल के साथ ही ब्याज दरों को भी 13.25 प्रतिशत कर दिया है। लेकिन महंगाई दर को काबू में लाने के लिए यह कोशिश भी नाकाम रही है। साल 2020 में पाकिस्तानी रुपये में दुनियाभर के अन्य देशों की अपेक्षा सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। पाकिस्तानी स्टेट बैंक ने बताया कि हमने वित्त वर्ष 2020 में दुनिया में सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति देखी है, जिससे हमें ब्याज दर बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालांकि, इसका परिणाम उल्टा हुआ और निजी कंपनियों ने औद्योगिक विकास के लिए महंगा कर्ज लेना बंद कर दिया। इससे देश का औद्योगिक विकासदर भी कम हुई।
कोरोना वायरस महामारी के कारण मांग में कमी होने से मुद्रास्फीती भी कम हो गई थी। जिसके बाद बैंक को भी ब्याज दरों में केवल तीन महीनों के भीतर 5.25 प्रतिशत की कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। देश में पेट्रोलियम सहित कई वस्तुओं की मांग में कमी के चलते इनकी कीमतें नीचे आई हैं। लेकिन दूसरी ओर देश को राजस्व का भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कर्ज के बोझ के तले लदे पाकिस्तान को भारी राशि ब्याज के रूप में चुकानी होती है। जिसके कारण देश में पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल से लेकर कई चीजों पर भारी टैक्स लादा गया है।