श्रीलंका सरकार ने मीडिया में आई उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें राष्ट्रपति मैत्रिपाला ने भारतीय की गुप्तचर एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड अनेलिसिस विंग) पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। एक ऑनलाइन पत्रिका द्वारा खबर प्रकाशित करने के मात्र 1 घंटे के भीतर ही श्रीलंका सरकार ने बयान जारी कर स्थिति को स्पष्ट कर दिया। बता दें कि ये मीडिया रिपोर्ट श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और प्रधानमंत्री के बीच एक अहम वार्ता से ठीक पहले आया है। इस बैठक में दोनों नेता कोलंबो में भारत के सहयोग से बन रहे पोत पत्तन के विकास की समीक्षा की जाएगी।
सिरीसेना इस परियोजना में भारत के हस्तक्षेप के विरोधी रहे हैं। सिरीसेना ने इससे पहले कहा था कि दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा चीन को पहले ही पट्टे पर दिया जा चुका है. ऐसे में कोलंबो बंदरगाह में भारत को शामिल करना किसी आकस्मिक स्थिति में श्रीलंका के हित में नहीं होगा।
श्रीलंका सरकार ने एक बयान जारी करते हुए इस रूपोर्ट को पूरी तरह से झूठा करार दिया है। कैबिनेट प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि सिरीसेना ने भारत के साथ पूर्वी बंदरगाह टर्मिनल के विकास की परियोजना का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोलंबो बंदरगाह में पूर्वी टर्मिनल विकसित करने के लिए श्रीलंका को अपनी सहमति दी थी।
इससे पहले राष्ट्रपति सिरीसेना ने सहयोगी पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) पर उनकी हत्या की साजिश को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति ने इस बारे में ब्योरा नहीं दिया कि भारत इस साजिश में कैसे शामिल था. खबर में कहा गया था कि सिरीसेना चीन संचालित कोलंबो इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (सीआईसीटी) के पास टर्मिनल विकसित करने के लिए भारत को इजाजत देने के खिलाफ हैं।