कोलंबो: श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की और उन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया कि जिनमें सिरीसेना और पूर्व रक्षा सचिव को मारने की कथित साजिश में भारत के शामिल होने का इशारा किया गया था। उन्हें उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ शरारतपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टं पूरी तरह से आधारहीन और झूठी हैं तथा ऐसा प्रतीत होता है कि इनकी मंशा दोनों नेताओं और दो अच्छे पड़ोसियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचना है।’’
राष्ट्रपति ने मोदी को उन कदम के बारे में जानकारी दी जो उन्होंने निजी तौर पर और सरकार ने इन रिपोर्टों को ‘सार्वजनिक तौर पर खारिज’ करने के लिए तुरंत उठाए थे। उन्होंने बुधवार सुबह श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त के साथ मुलाकात को स्मरण किया।
बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री को श्रीलंका और व्यक्तिगत तौर पर अपना भी एक सच्चा दोस्त मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत और श्रीलंका के बीच परस्पर लाभकारी रिश्तों को अहमियत देते हैं और उन्हें आगे मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ काम करने को दृढ़ हैं।’’
मोदी ने राष्ट्रपति और उनकी सरकार द्वारा मामले को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करके दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टों को दृढ़ता से खारिज करने के लिए उठाए गए त्वरित कदमों की सराहना की।
मीडिया में रिपोर्टें आई थीं कि राष्ट्रपति सिरीसेना ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था और एक अहम बंदरगाह परियोजना भारत को देने का विरोध किया था। श्रीलंका की सरकार ने बुधवार को ऐसी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया।