काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के करते परवान में स्थित दशमेश पिता गुरुद्वारे में शुक्रवार को तालिबान के लड़ाकों ने धावा बोल दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान उन लोगों ने गुरुद्वारे में मौजूद सिख समुदाय के लोगों को धमकाया और साथ ही पवित्र स्थल की बेअदबी की। इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने शुक्रवार को बताया कि आज अफगानिस्तान इस्लामिक अमीरात की स्पेशल यूनिट से होने का दावा करने वाले अधिकारियों ने, जो कि भारी हथियारों से लैस थे, काबुल के करते परवान में स्थित गुरुद्वारा दशमेश पिता में जबरन प्रवेश किया। उन्होंने गुरुद्वारे में मौजूद सिख समुदाय के लोगों को धमकाया और पवित्र स्थान की बेअदबी की।
भारत सरकार से मांगी मदद
पुनीत सिंह चंडोक ने आगे कहा कि 'उन्होंने साथ ही गुरुद्वारे से सटे सांसद नरिंदर सिंह खालसा के पूर्व आवास और कार्यालय पर भी छापेमारी की है। सिख समुदाय के लगभग 20 सदस्य गुरुद्वारे के अंदर मौजूद हैं। मैं भारत सरकार से अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख समुदायों से जुड़े मुद्दों को उनके समकक्षों के साथ उच्चतम स्तर पर तुरंत उठाने का आग्रह करता हूं। अफगानिस्तान में मौजूदा शासन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों की भलाई के अनुपालन को सुनिश्चित करना चाहिए।'
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी
बता दें कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद यह गुरुद्वारा सिखों और हिंदुओं के लिए पनाहगाह बना था। अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने आश्वासन दिया था कि यहां के लोगों की सुरक्षा की जाएगी, लेकिन हालिया घटना ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले तालिबान के लड़ाकों द्वारा अल्पसंख्यक हाजरा समुदाय के लोगों पर अत्याचार की खबरें सामने आ चुकी हैं।
बार-बार असली रंग दिखा रहा तालिबान
बता दें कि बीते 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से तालिबान खुद को बदलने की बात करता रहा है। हालांकि अफगानिस्तान से आ रही रिपोर्ट्स उसके इस आश्वासन को झुठलाती हुई नजर आती हैं। पिछले 15 दिन में अफगानिस्तान में शिया मस्जिदों को निशाना बनाकर बम धमाके किए जा रहे हैं, जिसमें कई लोगों की मौत की खबर आ रही है। आम नागरिकों को लेकर भी तालिबान अपने पुराने ढर्रे पर चलता हुआ नजर आ रहा है। अभी हाल ही में अफगानिस्तान के हेरात शहर के मुख्य चौराहे पर तालिबान ने एक शव क्रेन से लटका दिया था। तालिबान ने इसके अलावा भी कई मौकों पर लोगों को कड़ी सजा दी, जो की बेहद अमानवीय थी।