Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. चीन-भारत सीमा पर हालात स्थिर, ‘तीसरे पक्ष’ की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं: चीन

चीन-भारत सीमा पर हालात स्थिर, ‘तीसरे पक्ष’ की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं: चीन

चीन ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ मौजूदा गतिरोध के समाधान के लिए किसी ‘‘तीसरे पक्ष’’ की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि दोनों देशों के पास सीमा संबंधी संपूर्ण तंत्र और संपर्क व्यवस्थाएं हैं जिनसे वे वार्ता के जरिए अपने मतभेदों का समाधान कर सकते हैं। 

Reported by: Bhasha
Published : June 03, 2020 17:51 IST
चीन-भारत सीमा पर स्थिति स्थिर, ‘तीसरे पक्ष’ की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं: चीन
Image Source : AP (FILE) चीन-भारत सीमा पर स्थिति स्थिर, ‘तीसरे पक्ष’ की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं: चीन

बीजिंग:  चीन ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ मौजूदा गतिरोध के समाधान के लिए किसी ‘‘तीसरे पक्ष’’ की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि दोनों देशों के पास सीमा संबंधी संपूर्ण तंत्र और संपर्क व्यवस्थाएं हैं जिनसे वे वार्ता के जरिए अपने मतभेदों का समाधान कर सकते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत से लगती सीमा पर चीन की स्थिति ‘‘सुसंगत और स्पष्ट’’ है तथा दोनों देशों ने अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को ‘‘ईमानदारी से’’ क्रियान्वित किया है। झाओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को हुई बातचीत से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रहे थे। 

उल्लेखनीय है कि मोदी और ट्रंप ने फोन पर हुई बातचीत में भारत-चीन के बीच जारी सीमा गतिरोध पर चर्चा की। झाओ ने कहा, ‘‘अब वहां (भारत-चीन सीमा) पर स्थिति कुल मिलाकर नियंत्रण योग्य है। चीन और भारत के पास सीमा संबंधी संपूर्ण तंत्र और संपर्क व्यवस्थाएं हैं। हमारे पास वार्ता और चर्चा के जरिए मुद्दे का समाधान करने की क्षमता है।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है।’’ 

मोदी और ट्रंप के बीच भारत-चीन सीमा तनाव पर हुई बातचीत को लेकर यह चीन की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया है। ट्रंप ने पिछले सप्ताह एक ट्वीट में कहा था कि वह दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं और वह मध्यस्थता करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘हमने भारत और चीन दोनों को सूचित कर दिया है कि सीमा विवाद पर अमेरिका मध्यस्थता करने को तैयार, इच्छुक है और मध्यस्थता करने में सक्षम है।’’ 

भारत और चीन दोनों ही ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश खारिज कर चुके हैं। वर्ष 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था जिससे परमाणु अस्त्र संपन्न दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका उत्पन्न हो गई थी। डोकलाम गतिरोध के बाद प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अप्रैल 2018 में चीन के वुहान शहर में पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था। इस दौरान दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी सेनाओं को संपर्क मजबूत करने के लिए ‘‘रणनीतिक दिशा-निर्देश’’ जारी करने का निर्णय किया था। 

मोदी और शी के बीच पिछले साल अक्टूबर में चेन्नई के पास ममल्लापुरम में दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था जिसमें उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने पर ध्यान केंद्रित किया था। झाओ ने कहा, ‘‘हमने भारत और चीन के बीच संबंधित संधि का कड़ाई से पालन किया है और हम देश की संप्रभुता और सुरक्षा को बरकरार रखने तथा साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ 

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लगभग चार सप्ताह से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनातनी चली आ रही है। दोनों देश विवाद के समाधान के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता कर रहे हैं। दोनों देशों के सैनिक गत पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र में लोहे की छड़ और लाठी-डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे। उनके बीच पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे। इसी तरह की एक घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास लगभग 150 भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement