कोलंबो: श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए भीषण बम धमाकों के संदिग्ध सरगना की बहन ने दावा किया है कि हमलों और पुलिस के छापों के बाद उसके परिवार के 18 सदस्य लापता हैं जिनके मारे जाने का संदेह है। आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) द्वारा कथित तौर पर 21 अप्रैल को गिरजाघरों और होटलों में किए गए सिलसिलेवार बम हमलों में 250 से अधिक लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हुए थे।
मोहम्मद हाशिम मतानिया मोहम्मद जाहरान हाशिम की बहन है जिसे श्रीलंकाई अधिकारी हमलों के सरगनाओं में से एक मानते हैं। वह रविवार के दिन ईस्टर के मौके पर खुद को उड़ाने से पहले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की समाचार एजेंसी द्वारा जारी किए गए वीडियो में दिखा था। मतानिया ने सीएनएन से कहा कि उसने अपने भाई की पहचान पुलिस थाने में उसके शरीर के अंगों की तस्वीर से की।
उसने कहा, ‘‘पांच पुरुष (उसके परिवार के) हमलों के बाद से लापता हैं। इनमें मेरे तीन भाई, मेरा पिता और मेरी बहन का पति था।’’ गत शुक्रवार को श्रीलंका के पूर्वी प्रांत के सैंतामारुतु नगर में हुई मुठभेड़ में छह कथित आतंकवादियों के अलावा छह बच्चों सहित 10 आम नागरिक मारे गए थे। इस छापेमारी में मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान मोहम्मद नियास के रूप में हुई है जो एनटीजे का प्रमुख सदस्य एवं मतानिया का जीजा था।
मतानिया ने कहा, ‘‘जब तक मैंने पुरुषों और महिलाओं के शव नहीं देखे, तब तक मेरा इस ओर ध्यान नहीं गया। जब उन्होंने छह बच्चों की बात कही तो मैंने सोचा कि कहीं वे मुझसे संबंधित तो नहीं।’’ उसने कहा, ‘‘घर में पांच महिलाएं थीं। इनमें मेरे तीन भाइयों की पत्नियां, मेरी छोटी बहन और मेरी मां थी। कुल मिलाकर सात बच्चे थे।’’ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि एक धमाके के बाद सैंतामारुतु स्थित मकान आग से धधक उठा।
अधिकारियों ने शुक्रवार को छापे वाली जगह से कुछ मील दूर एक गैराज से बड़ी मात्रा में विस्फोटक, एक लाख बॉल बीयरिंग और आईएसआईएस की वर्दियां और झंडे बरामद किए थे। आईएसआईएस ने ईस्टर के मौके पर रविवार को हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है, लेकिन हमलावरों और आतंकी समूह के बीच संबंध स्थापित नहीं हुआ है। अधिकारियों ने हमलों के लिए एनटीजे को जिम्मेदार बताया है, जिसने खुद कोई जिम्मेदारी नहीं ली है।
मतानिया ने शुक्रवार को हुई गोलीबारी से कुछ मिनट पहले बनाए गए वीडियो में अपने पिता और दो भाइयों की पहचान की। श्रीलंका में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में तीनों लोग तमिल भाषा में यह कहते सुनाई देते हैं कि वे देश के इस हिस्से में मुसलमानों को ‘‘नष्ट’’ कर रहे लोगों को ‘‘सबक सिखाएंगे।’’
मतानिया ने कहा कि वीडियो में दिख रहे तीन लोगों में से एक उसका पिता मोहम्मद हाशिम और दो उसके भाई-मोहम्मद हाशिम रिलवान तथा मोहम्मद हाशिम जैनी हैं। कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक को श्रीलंका के अधिकारी और स्थानीय मुसलमान वर्षों से खतरनाक और हिंसक मानते थे। जाहरान ने ऑनलाइन पोस्ट किए गए कई वीडियो में हिंसा और नफरत की बातें कहीं।
श्रीलंका में मुसलमान और ईसाई दोनों ही अल्पसंख्यक हैं जिनकी आबादी दस-दस प्रतिशत से भी कम है। श्रीलंका बौद्ध बहुल है। रिपोर्ट में कहा गया कि जाहरान के गृहनगर कट्टाकुंडी में लोग पुलिस द्वारा हमलों में उसके मारे जाने की पुष्टि किए जाने के बाद भी उसके नाम से भयभीत थे।