बीजिंग: डोकलाम मसले पर भारत और चीन में जारी तनाव के बीच दोनों देश पर्दे के पीछे कूटनीतिक पहल का भी प्रयास कर रहे हैं। चीन ने सोमवार को संकेत दिया कि सीमा पर गतिरोध के बीच ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक से इतर उसके शीर्ष राजनयिक यांग जेइची भारत के NSA अजीत डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे यांग तथा डोभाल की अलग से किसी बैठक की जानकारी नहीं है, लेकिन सम्मेलन के दौरान मेजबान देश द्वारा प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों के बीच द्विपक्षीय बैठक की व्यवस्था करने की परंपरा है। बीजिंग ने सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारतीय सैनिकों की वापसी तक किसी भी तरह की सीमा वार्ता से इनकार किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, ‘मेरे पास अभी कोई प्रासंगिक जानकारी नहीं है। जहां तक मेरी जानकारी है, मेजबान देश प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों के बीच द्विपक्षीय बैठकों की व्यवस्था करता है, जिनमें वे द्विपक्षीय संबंधों, ब्रिक्स सहयोग तथा बहुपक्षीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।’
ब्रिक्स के NSA की दो दिवसीय बैठक 27 जुलाई से शुरू होगी। लु ने कहा, ‘बैठक राजनीति व सुरक्षा सहयोग पर चर्चा करने का एक मुख्य मंच है। वर्तमान में वैश्विक भू-राजनीतिक कारक जटिल तथा एक-दूसरे से उलझे हुए हैं और क्षेत्रीय तनाव चरम पर है।’ गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे पर पिछले एक महीने से गतिरोध बना हुआ है। डोकलाम इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण का भारत ने कड़ा विरोध किया था। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसमें सिक्किम इलाके में 220 किलोमीटर की सीमा चीन से लगती है।