काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बंदूकधारियों की गोलीबारी में कम से कम 29 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। बाद में पुलिस ने दो हमलावरों को मार गिराया। तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब हाल में अमेरिका और तालिबान के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ है। किसी भी संगठन ने इस रक्तपात की जिम्मेदारी नहीं ली है। वैसे अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबंधित एक नए संगठन ने देश के अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर रखी है।
इस कार्यक्रम में शामिल बहुत से लोग शिया थे क्योंकि यह कार्यक्रम अफगानिस्तान के हाजरा नेता अब्दुल अली माजरी की याद में आयोजित किया गया था जिनकी 1995 में हत्या कर दी गयी थी। ज्यादातर हाजरा शिया होते हैं। काबुल के दाश्त ए बारची में हुए इस हमले में मृतकों की संख्या को लेकर अलग-अलग खबरें हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हमले में 32 लोगों की मौत हो गई और 58 अन्य घायल हो गए। उधर, गृह मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 29 लोग मारे गए हैं और 61 अन्य घायल हुए हैं।
विपक्ष के नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला इस कार्यक्रम में मौजूद कई अहम राजनीतिक नेताओं में शामिल थे जो हमले से पहले वहां से चले गए थे और इस तरह वह बाल-बाल बच गए। अब्दुल्ला अब्दुल्ला पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में प्रबल दावेदार थे। कई चश्मदीदों ने कहा कि दहशत के बीच सुरक्षाबलों के कई सदस्यों ने भीड़ में नागरिकों पर गोलियां चला दीं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि गोलीबारी के बाद दोनों बंदूकधारी एक अपार्टमेंट में छिप गए जहां उनकी सुरक्षाबलों के साथ पांच घंटे तक मुठभेड़ चली। बंदूकधारी आखिरकार मारे गए।