क्वेटा: पाकिस्तान में आतंकी अक्सर शिया समुदाय के लोगों और उनकी मस्जिदों को निशाना बनाते रहे हैं। आतंकियों के निशाने पर होने के चलते पाकिस्तान का शिया हाजरा समुदाय दक्षिण-पश्चिम शहर क्वेटा में सुरक्षा की तमाम कवायद के बावजूद असुरक्षित महसूस करता है। इस समुदाय का कहना है कि आतंकी लगातार उनके समुदाय के लोगों की हत्याएं कर रहे हैं और प्रशासन इन हत्याओं को रोकने में विफल रहा है। आपको बता दें कि वर्षों से हाजरा समुदाय के ये लोग 2 बस्तियों में रह रहे हैं।
अल्पसंख्यकों को आतंकियों की हिंसा से बचाने के लिए लगातार सैकड़ों सशस्त्र बल पहरा देते हैं और कई सुरक्षा चौकियां बनायी गई हैं। बस्ती के भीतर लोगों की स्थिति के बारे में हाजरा समुदाय के एक कार्यकर्ता बोस्तान अली ने कहा, ‘यह जेल की तरह है। हाजरा लोग मानसिक प्रताड़ना झेलते हैं। बाकी शहर से कटकर रहना पड़ता है।’ बलूचिस्तान की राजधानी में क्वेटा में शिया समुदाय की अच्छी खासी मौजूदगी है। इस इलाके में सांप्रदायिक हिंसा, फिदायीन हमला और लूटपाट आम बात है। कहीं आने जाने के दौरान समूह, कारोबारियों और विक्रेताओं की हिफाजत के लिए सशस्त्रकर्मी तैनात रहते हैं।
आपको बता दें कि इस अशांत प्रांत में आतंकियों को निशाना बनाने के लिए सुरक्षा बल भी अभियान चलाते हैं। लेकिन, इस सब कवायदों के बावजूद हाजरा समुदाय पर हमले बढ़े हैं। पिछले महीने सब्जी बाजार में हमले में 21 लोगों की मौत हो गई और 47 अन्य जख्मी हो गए। मृतकों और घायलों में अधिकतर हाजरा समुदाय के लोग थे। हालात से वाकिफ पाकिस्तान सुरक्षा से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पिछले 5 साल में क्वेटा में हाजरा समुदाय के 500 लोगों की हत्या हो चुकी है और 627 लोग घायल हुए।