ढाका: बांग्लादेश में रविवार को हुए आम चुनावों में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने जबर्दस्त जीत दर्ज की है। उनकी पार्टी आवामी लीग 266 जबकि सहयोगी जातीय पार्टी ने 21 सीटें जीती हैं। इस तरह हसीना के गठबंधन ने 300 सदस्यीय सदन में 151 के ‘जादुई आंकड़े’ को पार कर लिया है और कुल 287 सीटें जीत ली हैं। वहीं, मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) को महज 7 सीट हासिल हुई है। इस तरह हसीना का रिकॉर्ड चौथी बार देश की प्रधानमंत्री बनना तय है। वहीं, चुनाव से जुड़ी हिंसा में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई जबकि विपक्ष ने धांधली के आरोप लगाते हुए फिर से चुनाव कराने की मांग की है।
गोपालगंज से चुनाव लड़ रही हसीना ने जबर्दस्त जीत दर्ज की है। हसीना को 2,29,539 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी BNP के उम्मीदवार को महज 123 वोट मिले। हार को देखते हुए बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी NUF गठबंधन ने आम चुनावों के परिणाम को खारिज कर दिया है और निष्पक्ष कार्यवाहक सरकार के अधीन फिर से चुनाव कराने की मांग की है। NUF में मुख्य दल BNP है। चुनाव आयोग के मुताबिक 300 संसदीय सीटों में से 299 सीटों पर चुनाव हुआ है। इसके लिए 1,848 उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव के लिए 40,183 मतदान केन्द्र बनाए गए। एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर चुनाव नहीं हुआ।
हसीना ने चौथी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ा जबकि ढाका जेल में बंद उनकी चिर प्रतिद्वंद्वी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख खालिदा जिया का भविष्य अधर में लटका नजर आता है। सूचनाओं के मुताबिक, जिया आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हैं। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि देश भर से उम्मीदवारों से सैकड़ों शिकायतें मिली। वहीं, चुनाव से जुड़ी हिंसा में एक सुरक्षा बल सहित कम से कम 17 लोगों के मारे जाने की खबर है। दर्जनों लोगों के घायल होने की भी सूचना है। खबरों में कहा गया है कि मारे गए लोगों में अधिकतर सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता थे जबकि अन्य बीएनपी तथा उसके सहयोगी दल के कार्यकर्ता थे।
शेख हसीना की जीत भारत के लिए राहत की बात मानी जा रही है। दरअसल, खालिदा जिया का भारत के प्रति रवैया कुछ ठीक नहीं रहा है, जबकि शेख हसीना ने अपेक्षाकृत नरम रुख ही अपनाया है। ऐसे में बांग्लादेश की सत्ता में हसीना का कायम रहना भारत के लिए एक अच्छी खबर मानी जा रही है।