ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को म्यांमार की हिंसा से बचकर आए विस्थापित लोगों के बीच राहत सामग्री वितरण के लिए कोक्स बाजार जिले में लगे रोहिंग्या शरणार्थी कैंपों का दौरा किया। अखबार 'द डेली स्टार' के मुताबिक, हसीना करीब 11.40 बजे सुबह में पहुंचीं और कैंपों की हालत का जायजा लिया। उन्होंने शरणार्थियों के बीच राहत सामग्री का वितरण भी किया। प्रधानमंत्री के साथ आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री मोफज्जल होसैन चौधरी, आवास और लोक निर्माण मंत्री मोशर्रफ होसैन, भूमि राज्यमंत्री सैफुद्दीन चौधरी समेत अन्य नेता भी थे। ('हाफिज सईद की नजरबंदी हटाई गई तो अशांति फैलेगी')
रोहिंग्या लड़ाकों द्वारा 25 अगस्त को म्यांमार के राखिने प्रांत में एक जांच चौकी पर हमले के जवाब में म्यांमार की सेना द्वारा रोहिंग्या समुदाय के लोगों को देश से खदेड़ा जा रहा है। करीब 3,00,000 रोहिंग्या शरणार्थी भागकर बांग्लादेश पहुंचे हैं। कोक्स बाजार में हसीना ने कहा, "हमने मानवता के आधार पर उन्हें (रोहिंग्या शरणार्थी) आश्रय दिया है। 1971 में हमारे घरों को भी जलाया गया था। जब लोगों को कहीं जाने का रास्ता नहीं मिला तो वे भागकर भारत चले गए। इसलिए हम उनकी मदद के लिए अपनी क्षमता से हर संभव प्रयास कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री ने म्यांमार की आलोचना करते हुए कहा कि वे लाखों रोहिंग्या को जबरदस्ती निकाल रहे हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि उन्हें म्यांमार वापस लौटाने का प्रबंध करें। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में रोहिंग्या को घर और छत मुहैया कराई जा रही है। मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह करती हूं कि म्यांमार पर दवाब डालें कि वह रोहिंग्या लोगों को स्वीकार करे। हम एक पड़ोसी के रूप में अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे।"