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शेख हसीना ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस बुलाने के लिए म्यांमार से किया आग्रह

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को कहा कि 622,000 रोहिंग्या लोग पहले से ही देश में पहुंच चुके हैं। हसीना ने म्यांमार से आग्रह किया कि उन्हें तुरंत वापस बुलाया जाना चाहिए।

Edited by: India TV News Desk
Published : November 06, 2017 7:19 IST
Sheikh Hasina urges Myanmar to return Rohingya refugees
Sheikh Hasina urges Myanmar to return Rohingya refugees

ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को कहा कि 622,000 रोहिंग्या लोग पहले से ही देश में पहुंच चुके हैं। हसीना ने म्यांमार से आग्रह किया कि उन्हें तुरंत वापस बुलाया जाना चाहिए। शेख हसीना ने ढाका में 63वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए म्यांमार से रोहिंग्याओं पर उत्पीड़न को रोकने का आग्रह किया। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, हसीना ने कहा, "हाल ही में उत्पीड़न के कारण 622,000 से ज्यादा म्यांमारी नागरिक बांग्लादेश भागकर आए हैं।" उन्होंने कहा, "म्यांमार के राखिने राज्य में रोहिंग्या आबादी पर अमानवीय उत्पीड़न और उन्हें उनकी मातृभूमि से जबरन निकाले जाने से क्षेत्र और दूसरे क्षेत्रों में अस्थिरता पैदा हो गई है।" (पुतिन विरोधी प्रदर्शन के चलते रूस में 380 लोग गिरफ्तार)

संयुक्त राष्ट्र के अंतर क्षेत्रीय समन्वयन समूह द्वारा गुरुवार को जारी की गई नवीनतन रपट में रोहिंग्या शरणार्थियों के आंकड़ों में वृद्धि को दर्शाया गया है। रपट के मुताबिक, हाल ही में 15,000 रोहिंग्या शरणार्थी भाग कर बांग्लादेश पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश ने मानवीय आधार पर शरणार्थियों को आश्रय मुहैया कराया है। हालांकि म्यांमार को उन्हें जल्द से जल्द वापस बुलाने की जरूरत है। राखिने राज्य में रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा म्यांमार की सरकारी चौकियों पर एक श्रंखलाबद्ध हमले के बाद 25 अगस्त से रोहिंग्या संकट प्रारंभ हुआ, जिसके बाद क्षेत्र में म्यांमारी सेना ने एक बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया।

गैर सरकारी संस्थाओं और गवाहों के मुताबिक, इस सैन्य कार्रवाई में सैकड़ों नागरिकों की मौत हो गई और करीब 300 से ज्यादा गांवों को जलाकर राख कर दिया गया। म्यांमार और बांग्लादेश से संबंधित आबादी, शरणार्थी एवं प्रवजन ब्यूरो के लिए कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री सिमोन हेन्शॉ ने शनिवार को कहा कि वाशिंगटन म्यांमार द्वारा रोहिंग्याओं के खिलाफ कथित मानव अधिकारों के उल्लंघन की जांच को लेकर दबाव बनाने के लिए प्रतिबंधों का इस्तेमाल करेगा। इस संकट से पहले बांग्लादेश में कम से कम 300,000 रोहिंग्या रह रहे थे, जिनमें से केवल 34,000 के पास ही शरणार्थी का दर्जा था।

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