मुल्तान: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की तिलमिलाहट और बेबसी एक बार फिर साफ नजर आई है। उन्होंने पाकिस्तान में पाई जा रही बेचैनी पर ही एक तरह से मुहर लगाते हुए कहा है कि कुछ ताकतें देश को मनोवैज्ञानिक जंग का शिकार बनाकर अव्यवस्था फैलाना चाह रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुरैशी ने मुल्तान में हजरत शाह रकन आलम के 706वें सालाना उर्स के मौके पर दरगाह में आयोजित विशेष कार्यक्रम में कहा कि जरूरी नहीं है कि हर जंग मिसाइल और बारूद से लड़ी जाए।
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान में भाषाई वैमनस्य फैलाकर अव्यवस्था फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह एक मनोवैज्ञानिक जंग है जिसकी साजिश है कि पाकिस्तानी कौम को मानसिक तौर पर पराजित कर दिया जाए। उर्स के मौके पर भी कुरैशी राजनैतिक बयानबाजी से नहीं बच सके और भारत के खिलाफ प्रॉपगैंडा फैलाने से नहीं चूके। उन्होंने कहा, ‘भारतीय मुसलमानों को अपनी बेबसी का अहसास हो रहा है। हमें अपने देश के महत्व का अहसास अब पहले से ज्यादा हो गया है।’ कुरैशी ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां अल्पसंख्यकों को धार्मिक आजादी नहीं दी गई है।
कुरैशी ने उर्स में आए लोगों से कहा, ‘भारत धार्मिक स्वतंत्रता का दावा करता है लेकिन वहां मुसलमानों समेत अन्य अल्पसंख्यकों को धार्मिक आजादी नहीं है। आज पाकिस्तान की सुरक्षा और दो राष्ट्र के सिद्धांत का बचाव पहले से भी अधिक जरूरी हो गया है। हमें देश के हर हिस्से में एकता के लिए प्रयास करना चाहिए।’ आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पर लिए गए भारत सरकार के हालिया फैसले से पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है। यह तिलमिलाहट पाकिस्तान के नेताओं के बयान में अक्सर दिख जाती है।