शंघाई: शिक्षक द्वारा यौन उत्पीड़न के मामले में न्याय नहीं मिलने और कुछ लोगों द्वारा इमारत से कूदने के लिए उसे उकसाए जाने को लेकर देश में महिलाओं से होने वाले व्यवहार को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। इस सिलसिले में पुलिस ने अभी तक दो लोगों को हिरासत में लिया है , जबकि उसे छह अन्य लोगों की तलाश है। गौरतलब है कि उन्नीस वर्षीय लि यियि ने पिछले सप्ताह एक उत्तर - पश्चिम गांसू प्रांत के चिंगयांग के एक डिपार्टमेंटल स्टोर की आठवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने बताया कि लड़की ने पहले भी आत्महत्या के प्रयास किये थे। (अगले महीने यूरोप में हो सकती है ट्रंप-पुतिन की शिखर वार्ता )
सबसे दुखद बात यह है कि युवती जब आत्महत्या करने के लिए आठवीं मंजिल पर थी तो लोग उसे ‘‘ जल्दी कूदो ’’ कह कर उकसा रहे थे। लड़की ने सितंबर 2016 में अभियोजक के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी कि हाई स्कूल के शिक्षक ने उसे जबरन चूम लिया और उसके कपड़े उतारने का प्रयास किया। लेकिन अभियोजक और वरिष्ठ अभियोजक दोनों ने यौन उत्पीड़न की इस शिकायत को खारिज कर दिया। करीब दो साल लंबी चली इस लड़ाई में युवती का साथ सिर्फ उसके पिता ने दिया। स्कूल , स्कूल प्रबंधन , दूसरे शिक्षक , अन्य सहपाठी और सरकार किसी ने बाप - बेटी की मदद नहीं की।
चीन में स्कूलों तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के संबंध में कोई स्पष्ट कानून नहीं है। इस वजह से महिलाओं को कानूनी सहायता मिलने में भी परेशानी होती है। युवती की आत्महत्या ने देश के विश्वविद्यालयों में यौन उत्पीड़न को लेकर नया बहस शुरू कर दिया है। हालांकि इससे पहले तक सेंसरशिप के कारण चीन में # मी - टू आंदोलन बेहद फीका सा था। युवती की आत्महत्या और उसे न्याय नहीं मिलने से लोगो में नाराजगी भी है जिसे वे सोशल मीडिया साइट वेइबो पर खुलकर व्यक्त कर रहे हैं।