लाहौर: पाकिस्तान से एक बेहद ही दर्दनाक खबर सामने आई है। पाकिस्तानी शहर उमेरकोट में गुरुवार को सीवर की सफाई के दौरान बेहोश हुए एक सफाईकर्मी की मौत हो गई क्योंकि अस्पताल के एक रोजेदार डॉक्टर ने उसके गंदे शरीर को छूने से इनकार कर दिया। सिंध प्रांत के के इस शहर में एक मैनहोल की सफाई के दौरान इरफान मसीह और उसके 3 साथी कर्मचारी बेहोश हो गए थे। इरफान मसीह पाकिस्तान के अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखता था।
जब इरफान की हालत खराब होने लगी तो उसके परिजनों ने अस्पताल के कर्मचारियों से उसका इलाज करने की गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टर ने उसकी कीचड़ लगे शरीर को छूने से इनकार कर दिया और कहा कि वह रोजे से है। सफाईकर्मी के भाई परवेज मसीह ने कहा, ‘डॉक्टर यूसुफ ने कहा कि वह इरफान के गंदे शरीर को तब तक नहीं छुएगा जब तक उसे साफ नहीं किया जाता। मैंने शरीर को साफ किया जिसके बाद इरफान के लिए ऑक्सीजन का पंप भेजा गया, लेकिन वह पंप खाली था।’ इरफान की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि तीन अन्य सफाईकर्मियों को पहले हैदराबाद और फिर कराची भेजा गया।
इरफान की मां इरशाद मसीह ने बताया कि डॉक्टरों ने उनके बेटे का इलाज करने से इनकार करते हुए कहा कि वह रोजे से हैं और इरफान के ‘नापाक’ शरीर को नहीं छू सकते। उमेरकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उस्मान बाजवा ने कहा कि निकाय समिति ने सफाईकर्मियों को सुरक्षा उपकरण नहीं दे रखा है जिस वजह से मसीह की मौत हो गई। पुलिस ने कहा है कि मामले के मुख्य आरोपी डॉक्टर जाम कुंवर को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा दो अन्य डॉक्टरों यूसुफ और अल्ला दाद राठौर को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।