काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए हमलों में कई अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई है। पेंटागन ने काबुल में हुए इन हमलों में अपने नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। बता दें कि यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं। काबुल एयरपोर्ट से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जताई थी।
एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल
इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से काबुल के इस एयरपोर्ट से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी। पिछले सप्ताह के दौरान इस युद्धग्रस्त देश से निकलने के लिए एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी जैसा माहौल देखने को मिला था। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान के क्रूर शासन की आशंका के चलते तमाम लोग देश छोड़ने को आतुर नजर आ रहे हैं। कुछ देश पहले ही अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का अभियान समाप्त कर चुके हैं और अपने सैनिकों और राजनयिकों को निकालना शुरू कर चुके हैं।
ब्रिटिश खुफिया रिपोर्ट में मिली थी चेतावनी
तालिबान ने तय समयसीमा में निकासी अभियान के दौरान पश्चिमी बलों पर हमला नहीं करने का संकल्प जताया था। हालांकि, यह भी दोहराया है कि अमेरिका द्वारा 31 अगस्त की तय समयसीमा में सभी विदेशी सैनिकों को देश छोड़ना होगा। ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया रिपोर्ट है। पश्चिमी देशों की तरफ से हमले की आशंका जताए जाने के कुछ ही घंटे बाद धमाके की यह जानकारी सामने आई है।