लाहौर हाईकोर्ट ने मुंबई बम ब्लास्ट के सरग़ना हाफ़िज़ सईद की नज़रबंदी की अवधि 30 दिन के लिए बढ़ा दी है. कोर्ट ने ये फैसला पंजाब सरकार की अपील पर किया है. हाफ़िज़ की 24 अक्टूबर को नज़रबंदी की अवधि खत्म हो रही है. जमात उद दावा प्रमुख और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड सईद जनवरी से अपने घर में नजरबंद है.
पंजाब सरकार ने दो दिन पहले आतंकवाद विरोधी कानून के तहत उसकी नज़रबंदी बढ़ाने का अपना आवेदन वापस ले लिया था.
हाफिज सईद को कड़ी सुरक्षा के बीच तीन सदस्यीय प्रांतीय न्यायिक समीक्षा बोर्ड के सामने पेश किया गया. पंजाब न्यायिक समीक्षा बोर्ड के सदस्यों में न्यायमूर्ति यावर अली, न्यायमूर्ति अब्दुल सामी और न्यायमूर्ति आलिया नीलम शामिल हैं. बोर्ड सईद और उसके चार सहयोगियों- अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन की नज़रबंदी बढ़ाने के लिए पंजाब गृह विभाग के एक कानून अधिकारी की दलीलें सुन रहा था.
24 अक्टूबर को नज़रबंदी की अवधि खत्म हो रही है. कानून के तहत सरकार किसी व्यक्ति को अलग-अलग आरोपों को लेकर तीन महीने तक हिरासत में रख सकती है. सरकार न्यायिक समीक्षा बोर्ड की मंज़ूरी के बाद ही हिरासत बढ़ा सकती है. लाहौर पुलिस ने लाहौर उच्च न्यायालय के आसपास कड़े सुरक्षा उपाय किए हैं, जहां सईद एवं अन्य बोर्ड के सामने पेश हुए.
बोर्ड ने विधि अधिकारी को सुनने के बाद पंजाब के महाधिवक्ता एवं विदेश और गृह सचिवालयों को नोटिस जारी कर 19 अक्टूबर को अपने सामने पेश होकर ये बताने को कहा कि सरकार सईद की नजरबंदी क्यों बढ़ाना चाहती है.