इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने मास्को जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि रूस से विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोव ने विदेश मंत्री को एससीओ-सीएफएम में हिस्सा लेने का न्योता दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी एससीओ के विदेश मंत्रियों की इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस संगठन के सदस्य हैं। रूस,चीन, किर्गीज गणराज्य, कजाखस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में हुए एक शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी। भारत और पाकिस्तान को 2005 में पर्यवेक्षकों के तौर पर इस समूह में शामिल किया गया था।
दोनों ही देशों को 2017 में इस संगठन के पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल किया गया। मास्को में एससीओ-सीएफएम बैठक नौ और 10 सितंबर को होगी। इसमें एक संयुक्त संवाद भी पारित किया जाएगा जो सदस्य राष्ट्रों के महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एकीकृत रुख को परिलक्षित करेगा। इस बैठक के अलावा कुरैशी कुछ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे लेकिन विदेश मंत्रालय ने उनका विवरण साझा नहीं किया है।
पाकिस्तानी अदालत ने ईशनिंदा कानून में एक ईसाई व्यक्ति को मौत की सजा सुनायी
पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को एक ईसाई व्यक्ति को विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा सुनायी। लाहौर सत्र अदालत ने आसिफ परवेज मसीह को मृत्युदंड सुनाया है। उसे कथित रूप से ईशनिंदा करने को लेकर 2013 में गिरफ्तार किया गया था। एक अदालती अधिकारी ने कहा, ‘‘लाहौर सत्र अदालत ने लाहौर की क्रिश्चियन कॉलोनी यौहाना आबाद के आसिफ परवेज मसीह को आज मृत्युदंड सुनाया। अदालत ने उस पर 50000 रूपये का जुर्माना भी लगाया और तीन साल की कैद की सजा भी सुनायी।’’ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद कुरैशी ने अभियोजन द्वारा सबूत और गवाह पेश करने के बाद उसे दोषी ठहराया।
पाकिस्तान की जेलों में मुसलमानों और ईसाइयों समेत सैंकड़ों लोग ईशनिंदा के आरोपों में बंद है। इससे पहले एक ऐसे ही मामले में 2010 में भी चार बच्चों की मां आसिया बीबी (48) को भी पड़ोसियों से विवाद होने पर इस्लाम का अपमान करने को लेकर दोषी ठहराया गया था। उसने बेगुनाह होने की बात कही थी लेकिन उसे आठ साल तक कालकोठरी में रखा गया। बाद में 2018 में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने उसे बरी कर दिया। उसे उसी साल पाकिस्तान से चले जाने की इजाजत दी गयी और वह कथित रूप से कनाडा में रह रही है।