नई दिल्ली: किर्गिज़स्तान के बिश्केक में एससीओ समिट के दौरान आज चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच बातचीत हुई जिसमें पाकिस्तान का मुद्दा प्रमुख रहा। पाकिस्तान को लेकर हुई बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। पाकिस्तान बातचीन के लिए उपयुक्त माहौल बनाए। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने रिश्तों को सामान्य करने का काफी प्रयास किया लेकिन हर बार बात बिगड़ती गई। इसलिए पाकिस्तान को चाहिए कि वह बातचीत के लिए आतंकवाद मुक्त माहौल बनाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात को अत्यंत सार्थक बताया और कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम को गति मिलेगी। उन्होंने आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों में सुधार के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। पिछले महीने लोकसभा चुनाव में जीत के उपरांत मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद यह दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है।
इससे एक महीने पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति ने पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। चीन ने उसे प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर लगी अपनी तकनीकी रोक को हटा लिया था।
राष्ट्रपति शी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अत्यंत फलदायी मुलाकात की। हमारी बातचीत में भारत-चीन संबंध पूरे विस्तार से शामिल थे। हम अपने बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुधारने में मिलकर काम करते रहेंगे।’’ बैठक की शुरूआत में राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी चुनावी विजय पर बधाई दी।
मोदी ने जवाब दिया,‘‘भारत में चुनाव परिणाम के बाद मुझे आपका संदेश मिला और आज एक बार फिर आप जीत पर मुझे बधाई दे रहे हैं। मैं इसके लिए आपका बहुत आभारी हूं।’’ शी ने पिछले महीने आम चुनाव जीतने पर मोदी को बधाई दी थी। परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही चीनी राष्ट्रपति का बधाई संदेश किसी विदेशी नेता के लिहाज से दुर्लभ ही था।
मोदी ने 15 जून को 66 वर्ष के होने जा रहे शी को बधाई देते हुए उनसे कहा, ‘‘सभी भारतीयों की ओर से मैं आपके जन्मदिन पर बहुत सारी शुभकामनाएं देता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आपने कहा, आने वाले दिनों में हम दोनों कई विषयों पर आगे बढ़ सकते हैं। हम दोनों को और अधिक काम करने के लिए एक साथ कार्यकाल मिला है।’’
मोदी ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में शी से कहा, ‘‘वुहान में हमारी मुलाकात के बाद हमने अपने सबंधों में नयी रफ्तार और स्थिरता देखी है। दोनों पक्षों में रणनीतिक संवाद में तेज प्रगति हुई है, जिसकी वजह से दोनों एक दूसरे की चिंताओं और हितों को लेकर अधिक संवेदनशील हुए हैं। और उसके बाद से सहयोग बढ़ाने के नये क्षेत्र बने हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की 2018 में वुहान में हुई मुलाकात को 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की वजह से तनावपूर्ण हुए रिश्तों में सहजता लाने का श्रेय दिया जाता है। वुहान वार्ता के बाद दोनों देशों ने सैन्य संबंधों समेत विभिन्न क्षेत्रों में रिश्तों को सुधारने के प्रयास तेज कर दिये थे। अगले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी ने उन्हें भारत आने का न्यौता दिया जिसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्वीकार कर लिया। वे इसी साल भारत का दौरा करेंगे।