इस्लामाबाद: कर्ज में डूबे पाकिस्तान की तरफ सऊदी अरब ने मदद का हाथ बढ़ाया है। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना में नए भागीदार सऊदी अरब ने 50 अरब डॉलर के प्रॉजेक्ट के तहत 3 सड़क बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण करने के लिए पाकिस्तान के साथ बड़े समझौते किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और खैबर पख्तूनख्वा में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों की परियोजना के वित्तपोषण के लिए भी 1.61 करोड़ डॉलर के 3 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट के अध्यक्ष अहमद अकील अल खतीब की पाकिस्तान यात्रा के दौरान इन समझौतों पर सऊदी राजदूत और पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दस्तखत किया। अहमद अकील अल खतीब के साथ 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी है। खबरों के अनुसार सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के सहयोगी बृहस्पतिवार को बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के यहां ठहरे जिससे नकदी की संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए सउदी अरब के अरबों डॉलर के पैकेज के मिलने की संभावना बनी है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार सऊदी अरब ने PoK में एक विश्वविद्यालय में शाह अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ला अजीज परिसर को संवारने के लिए एक करोड़ डॉलर का अनुदान दिया। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘ये समझौते प्रधानमंत्री इमरान खान की हाल की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान हुई सहमति के अनुरुप है।’ CPEC के तहत सड़क बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण से संबंधित समझौते के बारे में मंत्री ने कहा, ‘3 अनुदान समझौतों पर दस्तखत के साथ पहला कदम उठाया गया है। यह सकारात्मक कदम है और दोनों देशों के बीच संबंधों के शुभ संकेत है।’
CPEC अरबों डॉलर के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की महत्वपूर्ण परियोजना है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यह अहम परियोजना है जिसका लक्ष्य चीन की वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से दुनियाभर में उसका प्रभाव बढ़ाना है। भारत ने CPEC का विरोध किया है क्योंकि यह PoK से गुजरता है।