![Saudi Arabia, Saudi Arabia OIC, Saudi Arabia Kashmir, Saudi Arabia OIC Kashmir](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
इस्लामाबाद: सऊदी अरब के नेतृत्व वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की कश्मीर पर तुंरत बैठक की बुलाने की पाकिस्तान की कोशिश नाकाम होती दिख रही है। गुरुवार को आई खबरों के मुताबिक, सऊदी अरब ने ऐसा कोई भी कदम उठाने की अनिच्छा जताई है। गौरतलब है कि दिसंबर में सऊदी अरब द्वारा कश्मीर पर OIC देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने की योजना थी। माना जा रहा था कि यह सऊदी अरब की पाकिस्तान को खुश करने की कोशिश थी क्योंकि पाकिस्तान ने 57 मुस्लिम देशों के संगठन OIC के मुकाबले में नया संगठन खड़ा करने की कोशिश के लिए मलेशिया में होने वाले सम्मेलन में हिस्सा लेने से मना कर दिया था।
दबाव के चलते मलेशिया नहीं गए थे इमरान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मलेशिया की मेजबानी में होने वाले सम्मेलन में शामिल होने की सहमति दे दी थी लेकिन सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दबाव में आखिरी समय में सम्मेलन में शामिल नहीं हुए। बता दें कि सऊदी अरब और UAE नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के सबसे बड़े मददगार हैं। पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, संगठन के वरिष्ठ अधिकारी 9 फरवरी को विदेश मंत्रियों की परिषद (CFM) की तैयारियों के लिए बैठक करेंगे।
कश्मीर पर पाकिस्तान के समर्थन में रहा है OIC
अखबार ने एक राजनयिक के हवाले से बताया कि CFM बैठक में इस मुद्दे को शामिल कराने में अपनी नाकामी से पाकिस्तान की असहजता बढ़ती जा रही है क्योंकि रियाद ने इस्लामाबाद के अनुरोध पर कश्मीर पर बैठक बुलाने के प्रति अनिच्छा जताई है। उल्लेखनीय है कि OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर सरकारी संगठन है और इसका मुख्यालय जेद्दा है। OIC का कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रति समर्थन का रुख रहा है और यहां तक कि कई बार उसने इस्लामाबाद का पक्ष भी लिया है।
OIC की चुप्पी पर इमरान ने जताई थी नाराजगी
हाल में अपने मलेशिया दौरे के दौरान में प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर OIC की चुप्पी पर नाराजगी जताई थी। इमरान ने इस हफ्ते कहा, ‘हमारी आवाज नहीं सुने जाने की वजह यह है कि हम बंटे हुए हैं। यहां तक की कश्मीर पर OIC की बैठक पर भी एकसाथ नहीं आ पाए।’ पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा भारत द्वारा खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान कश्मीर पर ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने के लिए दबाव बना रहा है।
OIC में कश्मीर पर बात तो हुई लेकिन...
हालांकि, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक के इतर समूह ने कश्मीर पर बात की और यहां तक की OIC के स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में कश्मीर में लोगों के अधिकारों का कथित हनन करने का आरोप लगाया गया लेकिन इससे CFM की बैठक बुलाने के मुद्दे पर प्रगति नहीं हुई। विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान के लिए CFM के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दे पर उम्माह (समुदाय) की ओर से स्पष्ट संदेश देने की जरूरत है।
OIC में काफी महत्वपूर्ण है सऊदी अरब का रोल
रियाद का समर्थन OIC के किसी कदम के लिए अहम माना जाता है क्योंकि इसका खाड़ी के अन्य अरब देशों पर प्रभुत्व है। सूत्रों के मुताबिक सऊदी अरब ने CFM की बैठक में कश्मीर मुद्दा शामिल करने से बचने के लिए कई प्रस्ताव दिए जिनमें मुस्लिम देशों के संसदीय मंच या अध्यक्षों की बैठक या फिलीस्तीन एवं कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त बैठक शामिल है। उन्होंने बताया कि मलेशिया सम्मेलन से पाकिस्तान की अनुपस्थिति के बाद दिसंबर में सऊदी अरब ने कश्मीर पर CFM बुलाने के प्रस्ताव पर कुछ लचीला रुख अपनाया पंरतु यह ज्यादा दिनों तक नहीं रहा और फिर वह पुराने रुख पर आ गया।
जब OIC की बैठक को भारत ने किया संबोधित
पाकिस्तान बीते कुछ महीनों में कश्मीर को लेकर दुनिया भर में प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे हर जगह मुंह की खानी पड़ रही है। बता दें कि पिछले साल मार्च महीने में अबू धाबी में हुई OIC की बैठक को पहली बार संबोधित करना भारत के लिए बहुत बड़ा कूटनीतिक उपलब्धि थी क्योंकि पाकिस्तान के विरोध के बावजूद OIC ने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिए गए निमंत्रण पर कायम रहा जिसकी वजह से पाकिस्तान विदेश मंत्री को सम्मेलन का बहिष्कार करना पड़ा। (भाषा)