रियाद: अमेरिका और सऊदी अरब के बीच रिश्ते आमतौर पर अच्छे ही रहे हैं, लेकिन सीनेट का एक प्रस्ताव संबंधों में तल्खी ला सकता है। रियाद के नेतृत्व में यमन में चल रहे युद्ध के संबंध में तथा सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को पत्रकार जमाल खशोगी की मौत का जिम्मेदार बताने वाले प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट में पारित किए जाने को सऊदी अरब ने ‘हस्तक्षेप’ करार दिया है। इसके साथ ही सऊदी अरब ने कहा है कि इस कदम का दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
रिपब्लिकन बहुमत वाली सीनेट ने गुरुवार को रियाद के नेतृत्व में यमन में चल रहे युद्ध से अमेरिकी समर्थन वापस लेने और खशोगी की हत्या के लिए वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को जिम्मेदार बताने वाले प्रस्ताव पारित किए। इस सांकेतिक मतदान के जरिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी गई है जिन्होंने खशोगी हत्याकांड के बाद भी सऊदी अरब का साथ नहीं छोड़ने की बात की है। सऊदी प्रेस एजेंसी में जारी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘सल्तनत अमेरिकी सीनेट के हालिया रुख की आलोचना करती है क्योंकि वह अपुष्ट आरोपों पर आधारित है और अपने आंतरिक मामलों में उसके हस्तक्षेप की निंदा करती है।’
यमन युद्ध से समर्थन वापस लेने के मामले में डेमोक्रेटिक पार्टी, सहयोगियों के 49 तथा रिपब्लिकनों के 7 वोट पक्ष में पड़े, जबकि 3 रिपब्लिकन अनुपस्थित रहे। सीनेट ने एक अन्य प्रस्ताव पारित कर खशोगी की हत्या की निंदा की और वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को इसके लिए जिम्मेदार बताया। आपको बता दें कि खशोगी की हत्या के मामले में अली वहद की कथित संलिप्तता की खबरों के बावजूद सऊदी अरब के लिए ट्रंप का रुख नर्म ही रहा था।