मॉस्को: इस्राइल और ईरान के बीच हालिया दिनों में संबंध बद से बदतर होते चले गए हैं जिससे पूरे इलाके की शांति को खतरा पैदा हो गया है। इसी बीच रूस ने उम्मीद जताई है कि ईरान और इस्राइल एक-दूसरे पर मिसाइल हमलों के बाद अब किसी भी तरह की उकसावे वाली गतिविधियों से दूरी बनाए रखेंगे। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संवादादा सम्मेलन में कहा कि मॉस्को बढ़ रहे तनाव से चिंतित है और उम्मीद है कि सभी पक्ष इससे दूरी बनाए रखेंगे और मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यमों का सहारा लेंगे।
रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस्राइल ने 28 F-15 और F-16 विमानों का इस्तेमाल कर लगभग 60 मिसाइलें दागी थी और सीरिया में ईरान के ठिकानों को निशाना बनाकर लगभग 10 मिसाइलें दागीं। इस्राइल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रमों से संबंधित दस्तावेजों को जारी करने के बाद इस्राइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने कहा कि रूस बातचीत के जरिए संघर्ष के समाधान की पैरवी करता है। उन्होंने कहा कि रूस ने ईरान और इजरायल दोनों से संपर्क साधकर आपसी उकसावे वाली गतिविधियों से दूर रहने की जरूरत पर जोर दिया है।
इस्राइली सेना ने गुरुवार को गोलान हाइट्स इलाके में कथित तौर पर ईरानी बलों द्वारा किए गए रॉकेट दागे जाने के जवाब में सीरिया में ईरानी सैन्य ठिकानों पर बमबारी की थी। इस्राइल की सेना ने सीरिया में ईरान के लगभग सभी ठिकानों पर रातभर हमले किए थे। वहीं, इस्राइल पर हमला करने की कोशिश करने वालों को गंभीर चोट पहुंचाने की कसम खाते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ‘ईरान ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली’ है। दोनों देशों के बीच पैदा हुई यह तल्खी कहां जाकर रुकती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।