Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. बाढ़ के खतरे वाली जगह पर रोहिंग्याओं को भेजने का प्लान बदल दे बांग्लादेश: HRW

बाढ़ के खतरे वाली जगह पर रोहिंग्याओं को भेजने का प्लान बदल दे बांग्लादेश: HRW

दुनियाभर में मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स वाच ने बांग्लादेश से रोहिंग्याओं के जीवन-स्तर में सुधार करने की अपील की है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : August 06, 2018 17:04 IST
Rohingya must be moved to safer areas in Cox's Bazar, says HRW | AP Representational
Rohingya must be moved to safer areas in Cox's Bazar, says HRW | AP Representational

बैंकॉक: दुनियाभर में मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स वाच ने बांग्लादेश से रोहिंग्याओं के जीवन-स्तर में सुधार करने की अपील की है। संस्था ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश को दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर में रह रहे रोहिंग्याओं के जीवन-स्तर में व्यापक सुधार करना चाहिए और इन्हें ऐसे द्वीप पर भेजने की योजना को खारिज करना चाहिए जहां बाढ़ आने का खतरा रहता है। म्यांमार छोड़कर जाने को मजबूर हुए करीब 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान दक्षिणी बांग्लादेश में रह रहे हैं और इनमें से करीब 7 लाख पिछले साल अगस्त में म्यांमार की सेना द्वारा शुरू किए अभियान के बाद यहां पहुंचे।

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए अभियान को नस्ली सफाया करार दिया था। अपने गांवों से खदेड़े जाने के दौरान रोहिंग्याओं ने अपने साथ बड़े पैमाने पर ज्यादती की बात कही थी इसमें हत्या, दुष्कर्म और प्रताड़ना जैसे अपराध शामिल थे। रोहिंग्या मुसलमानों की रिहाइश वाले सैकड़ों गांवों में उनके घरों को जमींदोज कर दिया गया। म्यांमार ने ज्यादतियों के सभी आरोपों को लगभग खारिज करते हुए कहा था कि वह रोहिंग्या उग्रवादियों से अपना बचाव कर रहा था जिन्होंने उनकी पुलिस चौकियों पर घातक हमले किए थे।

बांग्लादेश और म्यांमार ने प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन रोहिंग्या सुरक्षा और अधिकारों की गारंटी मिले बिना वहां लौटने को तैयार नहीं है। रोहिंग्या आवाजाही की स्वतंत्रता और नागरिकता भी चाहते हैं। इस बीच शरणार्थी शिविरों में बेहद मुश्किल हालात में रह रहे रोहिंग्याओं के लिये फिलहाल राहत की कोई फौरी सूरत नजर नहीं आ रही। HRW के शरणार्थी अधिकारों के निदेशक बिल फ्रेलिक ने कहा, ‘इतने कम जगह में एक साथ इतने लोगों के रहने का क्या मतलब है, खास तौर पर जब ऐसा लंबे या कहें काफी लंबे समय तक होने वाला हो। क्या यह संक्रामक बीमारियों के फैलने, सामाजिक असफलता और घरेलू हिंसा के पनपने तथा आग जैसी घटनाओं के लिए परिस्थितियां तैयार करने के लिए है।’

अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों द्वारा मई में लिये गए रोहिंग्याओं साक्षात्कार के आधार पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक कॉक्स बाजार शिविर में प्रति व्यक्ति औसत स्थान 10.7 वर्ग मीटर है जबकि शरणार्थी शिविर मानक में यह 45 वर्ग प्रतिमीटर है। उन्होंने मॉनसून के मौसम में भू-स्खलन के खतरे को देखते हुए कहा, ‘इन लोगों को तत्काल यहां से हटाने की जरूरत है’। अधिकार समूह ने हालांकि बांग्लादेश सरकार से यह भी अनुरोध किया कि वह बंगाल की खाड़ी के भासान छार द्वीप पर एक लाख रोहिंग्याओं को बसाने की अपनी योजना को रद्द कर दे।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement