कॉक्स बाजार: हजारों विस्थापित रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश सीमा से वापस भेजने के लिए म्यांमार के साथ हुए एक समझौते के बाद भी रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में दाखिल हो रहे हैं। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गुरुवार को की गई इस व्यवस्था से दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश के भीड़भाड़ वाले शिविरों में रह रहे कम से कम 700,000 रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने की संभावनाएं जगी थीं।
लेकिन रोहिंग्या संकट पर अपनी ताजा रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि समझौते के बाद से कम से कम 3,000 शरणार्थी बांग्लादेश सीमा में दाखिल हुए हैं। सीमा चौकियों पर तैनात गार्ड भी शरणार्थियों के लगातार आने की जानकारी दे रहे हैं। बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल एस. एम. अरिफुल इस्लाम ने बताया, ‘आने वालों की संख्या कम हुई है, लेकिन यह थमी नहीं है।’ इस्लाम ने कहा कि समझौते पर दस्तखत के बाद कम से कम 400 शरणार्थी उनकी कमान में तैनात गार्डों के पास से गुजरे हैं।
अगस्त से लेकर अब तक करीब 624,000 रोहिंग्या मुसलमानों ने सैन्य कार्रवाई के कारण पलायन किया है। संयुक्त राष्ट्र एवं अमेरिका के अधिकारियों ने इसे जातीय जनसंहार करार दिया है। शरणार्थियों को वापस भेजे जाने का समझौता अक्टूबर 2016 के बाद म्यांमार से भागकर बांग्लादेश आए मुसलमानों पर लागू होता है। यह समझौता उन 2 लाख रोहिंग्या मुसलमानों पर लागू नहीं होता जो इस तारीख से पहले से बांग्लादेश में रह रहे हैं।