काबुल: अफगानिस्तान में राष्ट्रपति अशरफ गनी आज जिस वक्त ईद की नमाज अदा कर रहे थे उसी दौरान राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट आकर गिरे। अफगानिस्तान के टोलो न्यूज ने इसका वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि जिस वक्त राष्ट्रपति गनी अपने सहयोगियों के साथ राष्ट्पति भवन परिसर में नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा हुए थे ठीक उसी वक्त राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट आकर गिरे। इस वीडियो में जोरदार धमाके की आवाजें सुनी गईं। हालांकि इस दौरान राष्ट्रपति गनी नमाज अदा करते रहे और किसी तरह का डर उनके चेहरे पर नहीं नजर आया।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मिरवाइज स्तानिकजई ने बताया कि रॉकेट हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ। रॉकेट कड़ी सुरक्षा वाले राष्ट्रपति भवन के बाहर गिरे। हमले की किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली है। ऐसा प्रतीत होता है कि हमले का मकसद नुकसान पहुंचाने से अधिक तनाव उत्पन्न करना था। राष्ट्रपति भवन एक तथाकथित ‘ग्रीन ज़ोन’ के बीच में, जो विशाल सीमेंट की दीवारों तथा कांटेदार तारों से घिरा है और उसके पास की सड़के भी काफी समय से बंद हैं।
अमेरिका समेत पश्चिमी बलों ने अफगानिस्तान से अपने सैन्यबलों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है, जिसके कारण देश में तालिबान के हमले बढ़ गए हैं। अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा हो गया है और कई स्थानों पर हिंसा का दौर जारी है,ऐसे में राजनीतिक समाधान निकलने के ज्यादा संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं। अफगानिस्तान ने शनिवार को जारी बयान में पाकिस्तान से मांग की थी वह ‘‘अपराधियों की जल्द से जल्द पहचान करें और उनके खिलाफ अभियोग चलाए’’।
तालिबान-अफगानिस्तान के बीच तत्काल राजनीतिक समाधन का आह्वान
अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जे खलीलजाद ने सोमवार को पाकिस्तान के नेतृत्व से मुलाकात की और तालिबान तथा अफगान सरकार के बीच तत्काल राजनीतिक समाधान का आह्वान किया। यहां अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, खलीलजाद ने पाकिस्तान का एक दिवसीय दौरा किया और प्रधान मंत्री इमरान खान तथा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की। बयान में कहा गया है, ''राजदूत खलीलज़ाद ने इस्लामी गणराज्य अफगानिस्तान और तालिबान के बीच, स्थायी शांति की ओर ले जाने वाले और अफगानिस्तान की सुरक्षा, संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने वाले व्यापक राजनीतिक समझौते की तात्कालिकता पर जोर दिया है।''
बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान में जारी युद्ध पूरे क्षेत्र के लिए एक खतरा है और इसके विकास को रोकता है। इसके विपरीत शांति क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार व विकास को बढ़ाएगी। बयान में कहा गया है, ''हम इस विचार को हकीकत में बदलने के लिये अपने हिस्से के प्रयास करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए ठोस और भौतिक समर्थन उसी तरह इसकी अंतिम सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, जिस तरह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सकारात्मक दीर्घकालिक संबंध हैं।''
एक आधिकारिक बयान के अनुसार खलीलजाद के साथ एक बैठक में प्रधान मंत्री खान ने कहा कि अफगान संघर्ष पाकिस्तान के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, ''अफगानिस्तान में स्थायी शांति से क्षेत्रीय आर्थिक संपर्क के रास्ते खुलेंगे।'' खलीलजाद क्षेत्र के दौरे के तहत इस्लामाबाद पहुंचे थे। वह कतर से यहां पहुंचे, जहां तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों ने दो दिन वार्ता की, जो रविवार देर रात समाप्त हुई। इस वार्ता में युद्धरत पक्षों द्वारा फिर से साथ लाने का वादा किया गया। खलीलजाद की यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब पाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की बेटी सिलसिला अलीखिल के अपहरण और हमले के मुद्दे पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में तल्खी आई है।